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धमाका साहित्य कॉर्नर: साहित्य जगत का वातावरण बदलना साहित्य परिषद का काम: पराड़कर

मंगलवार, 21 मार्च 2023

/ by Vipin Shukla Mama
*ग्वालियर परिषद की बैठक में हुई प्रान्त कार्यकारिणी की घोषणा
"वार्षिक कार्यक्रमों की रूपरेखा पर सदस्यों को दिया प्रशिक्षण"
ग्वालियर। "अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मध्य भारत प्रान्त" की बैठक परिषद के राष्ट्रीय  संगठन महामंत्री श्रीधर पराड़कर "काका" के मुख्यातिथ्य में एक निजी होटल, क्षत्री मंडी, ग्वालियर में आयोजित की गई।जिसमें मध्यभारत प्रान्त के सभी जिलों से परिषद के जिला अध्यक्ष और अपेक्षित सदस्य उपस्थित रहे। साथ ही बैठक में परिषद के प्रदेश महामंत्री प्रवीण  गुगनानी ,मध्य भारत प्रान्त के अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव, महामंत्री आशुतोष शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण करके किया। सरस्वती वंदना कुमारी एकता गोस्वामी ने एवं परिषद गीत बाबू देवलाल घायल  ने गाया।
प्रथम सत्र का संचालन महामंत्री आशुतोष शर्मा ने दूसरे सत्र का संचालन देवेंद्र तोमर ने एवं तीसरे सत्र का संचालन सुनील पांसे ने किया। जबकि आभार व्यक्त राष्ट्रीय हास्य कवि मुकेश शांडिल्य, हरदा ने किया। 
मुख्य अतिथि 'काका' श्रीधर पराड़कर ने मौजूद सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि ,आज के समय मे हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है ,कि समाज मे अच्छा साहित्य कैसे पहुंचाया जाए। लोगों को, आज वे जिस साहित्य को पढ़ रहे हैं ,उससे कैसे दूर करके समाज के लिए लाभदायक और लोगो में राष्ट्र प्रेम को बढ़ाने वाले साहित्य को पढ़ने के लिए कैसे प्रेरित किया जाए? उन्होंने कहा कि, जब तक लोगों को प्रभावी साहित्य पढ़ने को नही मिलेगा तब तक वे उसके प्रति लगाव कैसे लगाएंगे? साहित्य परिषद का काम सिर्फ साहित्य के कार्यक्रम आयोजित करने नही है। बल्कि हमारा काम है कि हम इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में अच्छे श्रोता, अच्छे पाठक तैयार करें। क्योंकि जब अच्छे पाठक मौजूद होंगे तो अच्छे साहित्य की मांग भी अपने आप बढ़ जाएगी। और जब पाठक ही अच्छा साहित्य पढ़ने लगेगा तो यकीन मानिए लोग भी अच्छा लिखना शुरू कर देंगे। कुल मिलाकर अच्छा साहित्य और अच्छे पाठक दोनों ही विगत 70 सालों से परोसे जा रहे दूषित साहित्य को हमारे समाज से दूर का सकते हैं। उन्होंने मौजूद सदस्यों को बताया कि " वर्ष भर में  हमारे तीन प्रमुख अयोजन होते हैं। जिन्हें हम साल भर में आयोजित करते हैं।जिनमे वर्ष प्रतिपदा, गुरु पूर्णिमा एवं शरद पूर्णिमा इनके अतिरिक्त भी हम साल भर में अनेक कार्यक्रमो का आयोजन करते हैं। " काका जी ने आज के नए साहित्यकारों और कवियों और लेखकों को समझया की वे अपने लिखे गए साहित्य को अच्छे से अच्छा लिखने की बजाय उसके प्रचार करने की ज्यादा चिंता करते हैं, लेकिन आप पाठक के मन को समझ कर लिखें आखिर उसे किसमे आनंद आता है। तो आपको प्रचार की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने तुलसीदास जी का उदाहरण देते हुए बताया कि ,उस समय प्रचार -प्रसार का कोई साधन नही था। उसके बाद भी "श्री राम चरित मानस "आज तक कि सबसे बेस्ट सेलर किताब बनी हुई है। कुल मिलाकर आपके साहित्य में वो बात होनी चाहिए, कि पाठक एक पेज पढ़े तो दूसरे पेज को पढ़ने में उसकी रुचि और बढ़ जाये। और दूसरे पेज के बाद तीसरे चौथे पेज को पढ़े बिना रह न सके। कार्यक्रम को प्रदेश महामंत्री श्री प्रवीण गुगनानी ने भी संबोधित किया।उन्होंने आज परिषद की घोषित हुई कार्यकारिणी के सदस्यों को बताया की आप अपने काम के प्रति समर्पित भाव रखें, हम जो कर रहे हैं ये संगठन ने हमे जिम्मेदारी दी है और हमे अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए समय देना चाहिए। उन्होंने आजकल की मीडिया के बारे के बारे में चिंता जाहिर करते हुए कहा ,कि लोग कुछ भी दिखा रहे हैं ,कुछ भी खबरें चला रहे हैं। इसलिए अब हमारी मेहमत और अधिक बढ़ जाती है कि हम अपने आस पास के बातावरण को सुधारें। लोगों तक अच्छे साहित्य को पहुंचाए। अच्छी अच्छी किताबें खुद भी पढ़ें और दूसरों को भी पड़ने को प्रेरित करें। हमारे कार्यक्रमो में सिर्फ हमारे सदस्य ही नही बल्कि आसपास के वुद्धिजीवी, साहित्यकार, कवियों एवं आम जनता के लोगों को भी जोड़ें। प्रान्त अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव ने परिषद के वर्ष भर के कार्यक्रमों का वृत्त प्रस्तुत किया
 एवं उन्होंने सबसे कहा कि परिषद को और परिषद के कार्यों को समझने के लिए" साहित्य परिषद का इतिहास "एवं "साहित्य का धर्म "ये दो पुस्तकें सबको पढ़नी चाहिए। जिससे हमें पता चलेगा कि हमको करना क्या है । प्रान्त महामंत्री आशुतोष शर्मा ने परिषद के आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। जिसमे आगामी 9 एवं 10 सितंबर को विदिशा में प्रांतीय अधिवेशन होना है। और उससे पहले प्रत्येक जिले में जिला सम्मेंलन एवं केंद्र एवं प्रान्त से प्रवास के कार्यक्रम किये जाने हैं एवं साहित्य संवर्धन यात्रा के यात्रा वृतांतों का शीघ्र संकलन किया जाकर उन्हें भिजवाने की बात कही। 
इनको मिली नई जिम्मेदारी
अखिल भारतीय साहित्य परिषद की मध्य भारत प्रान्त की कार्यकारिणी की घोषणा प्रान्त अध्यक्ष डॉ . कुमार संजीव और महामंत्री आशुतोष शर्मा ने राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर प्रदेश महामंत्री प्रवीण गुगनानी की उपस्थिति में कार्यक्रम के अंत मे की। जिसमे प्रांतीय उपाध्यक्ष श्रीमति रमा सिंह गुना, श्रीमति ममता वाजपेयी भोपाल, सुनील पांसे भोपाल, एवं दिनेश याग्निक रायसेन को बनाया गया है। प्रान्त मंत्री की जिम्मेदारी ब्रह्मदत्त श्रीवास्तव दतिया,मुकेश शांडिल्य चिराग हरदा,श्रीमती सुनीता यादव भोपाल, श्रीमति करुणा सक्सेना ग्वालियर को दी गयी है।
प्रान्त मीडिया प्रभारी का दायित्व जयपाल सिंह जाट, शिवपुरी एवं सह मीडिया प्रभारी राकेश सिंह भोपाल एवं नवल वर्मा बैतूल को सौंपा गया है। 
 संभागीय मीडिया प्रभारी ग्वालियर रामचरण चिड़ार "रुचिर" एवं अमित बिल्लोरे को नर्मदापुरम का संभागीय मीडिया प्रभारी बनाया गया है।
इनके साथ ही प्रान्त युवा आयाम प्रभारी पुष्पक देशमुख बैतूल, इनके साथ सह प्रभारी पुरु शर्मा, भोपाल ध्रुव शर्मा, विदिशा,अंकित अग्रवाल ग्वालियर एवं विकाश शुक्ल प्रचण्ड शिवपुरी को दिया है। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से पधारे हुए कार्यकर्ता गण, पदाधिकारी गण, "मध्यभारतीय हिन्दी साहित्य सभा " ग्वालियर के अनेक पदाधिकारी गण एवं आमंत्रित अतिथि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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