(ये हैं गल्ला मंडी का विशाल प्रांगण, जिसमें फल, चाट एक जगह मिलेगी)
जुटी हैं। शुक्रवार को भी ये मुहिम दिन भर जारी रही। नपा का अमला शाम तक ठेले हटवाता दिखाई दिया।
जो लोग सड़कों पर हर दिन निकलकर ठेलों के जाम में फसते आए हैं उनको ये कदम सराहनीय लग रहा हैं। साथ ही बड़े बड़े शो रूम के सामने ठेले लगाकर सड़क जाम से रोज परेशान दुकानदार भी खुश होंगे। लेकिन कुछ लोग इस कदम का विरोध कर सकते हैं। उनको छोड़ दिया जाए तो नगर को व्यवस्थित करने में ये होकर जोन मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।(गांधी चौक पर अभी भी लगे कुछ ठेले, फोटो शुक्रवार शाम 7 बजे)
बीच सिटी स्थित गल्ला मंडी में एक स्थान पर सभी फल विक्रेता, चाट व्यवसाई मोजूद होंगे तो लोगों को भी सहूलियत होगी। इस कदम को स्वीकार करना चाहिए।
आखिर हम चाहते क्या हैं ? हर चीज का विरोध हो क्यों
नगर के कुछ लोग हर बात का विरोध करते दिखाई देते हैं। अगर नपा होकर जोन नहीं बना रही थी तब उसकी बुराई करते थे, कोसते थे। अब जाकर एक बेहतर विकल्प मिला हैं तो हाथ ठेले हटाने का विरोध कर रहे हैं। आखिर नगर को व्यवस्थित किया जाए या नहीं ? हम किसी की तरफदारी नहीं कर रहे लेकिन व्यवस्था तो बनानी हो पड़ेगी। इधर हम जिला प्रशासन से कहना चाहते हैं की वह लोगों के कमेंट्स पर ध्यान न देते हुए मुहिम को जारी रखें। जब नया बस स्टेंड बना था तब पुराने बस स्टेंड से बसे वहां जाने को तैयार नहीं थी। लेकिन तत्कालीन ट्रैफिक प्रभारी कविंद्र चौहान ने मीडिया के साथ कठोर रुख अपनाया और तब बस स्टेंड शिफ्ट किया गया। नपा एक टाइम लिमिट तय करे कि चार दिन में जो गल्ला मंडी में स्थान नहीं लेगा उसको बाद में इंट्री नहीं मिलेगी। न ही सड़कों पर कारोबार करने देंगे।
हर आदमी की झिड़की से अच्छी एक जगह
नगर के हाथ ठेला कारोबारियों को हाथ में आए इस मौके को केश करना चाहिए। नगर में कहीं किसी जगह पर ठेका लगाकर पुलिस या वाहन चालकों की गालियों से बेहतर हैं एक जगह पर पक्की तरह व्यापार करना। कोई रोक टोक नहीं होगी। लोग भी गल्ला मंडी में जाकर फल खरीदेंगे।
बड़ी सब्जी मंडी को जल्द शिफ्ट करें बाहर, कोर्ट रोड की लाए गल्ला मंडी
हाथ ठेले वाले सब्जी मंडी के पास कारोबार के इच्छुक हैं। इसलिए थोक सब्जी मंडी को हवाई पट्टी sift किया जाए और कोर्ट रोड की सब्जी मंडी यहां लाई जाए।

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