Gwalior ग्वालियर। The great shrimant Jyotiraditya Scindia : केंद्रीय मंत्री द ग्रेट श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिन ग्वालियर के दौरे पर रहे. दौरे के दौरान वे कई सामाजिक समारोहों में शामिल हुए। ताजिये की सेहराबंदी की। इस दौरान सिंधिया ने कई समाज के आयोजनों में हिस्सा लिया। तो वहीं दिवंगत कुछ परिवारों के बीच जाकर दुख बांटे। इस दौरान एक रोचक किस्सा भी सामने आया जिसे देख खुद द ग्रेट सिंधिया भी चौंक गए। दरअसल महावीर भवन कंपू में आयोजित खटीक समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में उनका अनोखे तरीके से स्वागत किया गया। खटीक समाज के पदाधिकारियों ने अपने हाथों से एक जिंदा बकरा सिंधिया को भेंट किया। तोहफे में जिंदा बकरा सामने देख सिंधिया चोक गए, लेकिन खटीक समाज ने अपना प्रतीक माने जाने वाला बकरा तोहफे में दिया तो वे मना नहीं कर सके। बाद में उन्होंने बकरे को हाथ लगाकर उसे स्वीकार किया और वापस खटीक समाज को लौटा दिया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि खटीक समाज की ओर से जो उपहार दिया गया है वह सदैव मेरे दिल में रहेगा। महान राजा खट्वांग के वंशज खटिक समाज के अपने भाई-बहनों से मिलकर सुखद अनुभूति हुई। ये ऐसा कर्मठ समाज है जिसने समाज हित के लिए धर्मशाला और मंदिरों से लेकर छात्रावास बनवाये। ऐसे विकासशील समाज में मेरा पूर्ण विश्वास है और मैं इनके लिए सतत खड़ा रहूँगा। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी तथा खटीक समाज के वरिष्ठ लोग मंच पर उपस्थित थे। सिंधिया ने बोर्ड परीक्षाओं में एवं उच्च शिक्षा में प्रावीण्य सूची में आने वाले समाज के छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। वहीं समाज के वरिष्ठ नागरिकों को भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि “खटिक़ समाज और सिंधिया परिवार का 150 वर्ष पुराना नाता रहा है। समाज के अधिकार के लिए, ग्वालियर रियासत में कमिशन बने और मंदिरों में उनके प्रवेश पर रोक के विरुद्ध नियम बने।"
सिंधिया ने गोरखी के ताजिए पर की सेहराबंदी
ग्वालियर में साम्प्रदायिक सद्भाव, आपसी भाईचारे के लिए हर साल मोहर्रम के मौके पर सिंधिया राजपरिवार ताजिएदारी की परम्परा का निर्वहन करता है। इस साल भी गोरखी देवघर के समीप ताजिए लगाए गए हैं। सिंधिया राजपरिवार के मुखिया केंद्रीय मंत्री द ग्रेट श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को गोरखी पहुंचकर ताजिए पर सेहराबंदी की रस्म अदा कर मुल्क में अमन, चैन और खुशहाली की कामना की।
दरअसल ग्वालियर गोरखी के इमाम बाड़े में रखे गए सिंधिया राजवंश के ताजिए पर सिंधिया ने हाजिरी देकर सेहराबंदी की रस्म अदा की। शहरकाजी अब्दुल अजीज कादरी ने फातहा पढ़ा और मुल्क में अमन और सांप्रादियक सद्भाव के लिए दुआ मांगी। आपको बता दें कि सिंधिया राजवंश रियासत काल से ही सभी धर्मों के त्योहारों में शिरकत करता रहा है। मोहर्रम पर भी सदियों से राजवंश के शाही ताजिए की जियारत की परंपरा चली आ रही है। हर साल गोरखी पैलेस में शाही इमामबाड़ा बनाया जाता है। यहां सिंधिया राजवंश का ताजिया रखा जाता है और तय तारीख पर राजवंश का मुखिया सेहराबंदी करता है। इसके बाद मोहर्रम पर इसे विसर्जित किए जाने के दौरान भी शाही प्रतिनिधि मौजूद रहता है। सिंधिया ने अपनी खानदानी परंपरा को निभाया है।
प्रजापति समाज का सृष्टि निर्माण में योगदान
सिंधिया ने प्रजापति समाज के सामाजिक समरसता सम्मेलन में कहा कि प्रजापति समाज भारत में आदिकाल से ईश्वरीय रूप कृतियों का निर्माण करता आ रहा है वहीं उनका सृष्टि के निर्माण में भी योगदान है। प्रजापति हनुमान मंदिर कुम्हरपुरा मुरार में आयोजित सम्मेलन में सिंधिया ने कहा कि कि समता भवन में समाज के नवरत्नों के बीच मुझे बैठने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने समाज के लोगों से कहा कि उन्हें समाज के इतिहास का गौरव गान करना चाहिए। उन्होंने समाज के बुजुर्गों से कहा कि वे युवाओं को अपने इतिहास से अवगत कराएं। इस अवसर पर समाज की ओर से केन्द्रीय मंत्री सिंधिया को विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
उन्होंने कहा "सिंधिया परिवार और प्रजापति समाज के बीच 100 वर्षों से पुराना, एक अटूट रिश्ता है। महाराज माधोजीराव सिंधिया प्रथम ने प्रजापति समाज की क्षमता और दक्षता को देखते हुए ग्वालियर रियासत में ग्वालियर पॉटरीज की स्थापना की थी। ग्वालियर पॉटरीज के उत्पाद इतने कलात्मक थे कि उनकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक फ़ैल गई थी।"
गुर्जर समाज के सम्मेलन में हुए शामिल
ग्वालियर में हमारे गुर्जर समाज से आज की आत्मीय मुलाकात, एक समाज से नहीं बल्कि एक संस्कृति से मुलाकात के समान थी। ये वीर-वीरांगनाओं का ऐसा समाज है जिसने भारत को त्यागमूर्ति माता पन्ना धाय जी, धन सिंह कालेवाल जी तथा ऐसे अनेकों नगीने दिए हैं जो शौर्य और पराक्रम के पर्याय थे। ऐसे शूरवीर और स्वाभिमानी समाज के आगे मैं शीश झुकाता हूँ।
सिंधी समाज के लोगों से की भेंट
भगवान झूलेलाल की जय!
सिंधिया और सिंधी समाज में ज़्यादा अंतर नहीं है। दोनों में एक आत्मीयता का संबंध और देश के प्रति बलिदान का संबंध रहा है। सिंधी समाज का योगदान अमुल्ये है ।अमर बलिदानियों की सूची में भी सिंधी समाज का नाम सबसे ऊपर आएगा। और उसमें भी वीर हेमू कलाणी का नाम सर्वपरि रहेगा जिन्होंने मात्र 19 वर्ष की अल्पायु में भारत माता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।"
भारत माता की सुरक्षा व विकास में मुख्य भागीदार, हमारे महान सिंधी समाज के प्रबुद्धजनों से आज ग्वालियर में मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सिंधी समाज को विद्या, वैभव और प्रगति का प्रतिबिम्ब माना जाता है। देश की अर्थव्यवस्था और रोज़गार सृजन में इनके अहम योगदान के लिए पूरे समाज को मेरा प्रणाम।
जन जातीय समुदाय से की भेंट
आज एक बार फिर अपने जनजातीय समुदाय के भाई-बहनों से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
खेती हो, पशु पालन हो या फिर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम हो, जनजातीय समाज सदैव पथ प्रदर्शक रहा है। भगवानतुल्य बिरसा मुंडा जी, शिक्षाविद नानाभाई खांट जी, अमर शहीद वीर बाला कालीबाई जी, शौर्य की प्रतीक, रानी दुर्गावती जी आदि के वंशज, जनजातीय समाज को सदैव शत शत नमन। एक वो कांग्रेस थी जिसने जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के लिए कुछ नहीं किया और एक @BJP4India है जिसने भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्मतिथि 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया; वीरांगना रानी दुर्गावती जी की 500 वीं जयंती का उत्सव मनाया, बाबा साहेब अम्बेडकर जी की जन्मतिथि को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया।
भाजपा का संकल्प है कि जनजातीय कल्याण के लिए 700 एकलव्य विद्यालय खोले जाएंगे और 40,000 शिक्षकों को नौकरी दी जाएगी।
रजक समाज बंधुओं के बीच पहुंचे
नगरसेन महाराज, माता मरई और महान संत शिरोमणि गाडगे महाराज जी के महान अनुयायियों, मेरे रजक समाज के भाई-बहनों से ग्वालियर में आज मिलकर चित्त प्रसन्न हुआ।
हमारा रजक समाज एक संघर्षरत समाज है जिसने देश की आज़ादी के लिए लाखों वीर बलिदान किये। इस समाज के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता भी रहा है और मैं उनके हितों के लिए सदैव खड़ा रहूँगा।
जैन समाज बंधुओं के बीच पहुंचे
भगवान महावीर के वंशज व सात्विक जीवनशैली के प्रेरणास्त्रोत अपने जैन भाइयों व बहनों से मिलकर अगाध हर्ष हुआ। जैन समाज, पूरे देश की अर्थव्यवस्था का आधार स्तम्भ है और अपनी कर्मठता से सदैव भारतीय समाज को प्रेरित करता रहा है। ‘अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है’ और ‘सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान, अहिंसा है' का भाव रखने वाला यह समाज, मेरे ह्रदय के अत्यंत क़रीब है और सदा रहेगा।
कायस्थ समाज जनों से भी की मुलाकात
भगवान चित्रगुप्त के वंशज, बुद्धि व शिक्षा को सदा सर्वोपरि रखने वाले मेरे कायस्थ समाज के भाइयों व बहनों से आज हुई मुलाकात, मेरे मानसपटल पर सदैव विद्यमान रहेगी।
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी, द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी, जयप्रकाश नारायण जी जैसे महापुरषों वाला यह समाज, देश के विकास और स्वर्णिम इतिहास का आधार रहा है। जिस प्रकार कायस्थ समाज, सिंधिया परिवार के साथ सदैव खड़ा रहा है, मैं भी वैसे ही कायस्थ परिवार के साथ डटा रहूँगा।
कांग्रेस पर किया हमला
केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीती रात कहा कि जिस पार्टी ने प्रदेश के किसानों को तबाह किया, उस पार्टी को दोबारा सत्ता में देखने को तैयार नहीं हैं किसान। जिस पार्टी ने किसानों के साथ पूर्ण रूप से वादा खिलाफी की हो, किसानों को पूर्ण रूप से नष्ट करने का काम किया हो, झूठे वायदे किए हों। उस पार्टी को मेरा अन्नदाता दोबारा से देखने को तैयार नहीं है। वे कांग्रेस की किसान योजना को लेकर किए गए सवाल पर बोल रहे थे। दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आए सिंधिया ने शुक्रवार को नई सड़क स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यालय पहुंचकर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर से मुलाकात की। उन्होंने मध्य प्रदेश में अमित शाह के दौरे पर कहा है कि अमित शाह के पास छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी है, इसलिए उनके दौरे हो रहे हैं। चुनावों की रणनीति पर काम कर रहे हैंं।रेलवे स्टेशन पर खिलाड़ियों से की बात
द ग्रेट सिंधिया की सहजता और सरलता के दर्शन हम समय समय पर करते रहते हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में नृत्य, खेल मैदान पर बेटिंग तो कभी चौपाटी की दुकान के बावर्ची से मुलाकात, उन्हे औरों से जुदा करते हैं। आज सिंधिया जब दिल्ली जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उन्होंने वहां मौजूद लोगों से एक आम इंसान की तरह मुलाकात की। खिलाड़ियों से भी बातचीत की। उनका निराला अंदाज लोगों के दिल को छू गया।

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