फ्लेश बैक....कितने आदमी थे वाला युग
एक समय ग्वालियर-चंबल के बीहड़ों में मलखान का राज चलता था। मलखान सिंह का नाम सुनकर लोग कांप जाते थे। उनकी गिनती चंबल के खूंखार डकैत के रूप में होती थी। 100 से अधिक मामले दर्ज थे। साथ ही एक लाख से अधिक का इनाम था। मलखान सिंह पर अपहरण, हत्या, डकैती आदि के मामले शामिल थे। उन्होंने 1982 में आत्मसमर्पण कर दिया था और छह साल उन्होंने जेल में गुजारे। 1989 में सभी मामलों से बरी कर दिया गया था। मलखान सिंह को चंबल इलाके में लोग दद्दा कहते हैं। दद्दा उसूलों के पक्के रहे हैं। कभी भी उनके गैंग के लोगों ने महिलाओं पर हाथ नहीं उठाया। लोग बताते हैं कि मलखान सिंह ने सरपंच की ज्यादती के खिलाफ बंदूक उठाई थी। मलखान गिरोह के लोगों ने एक बार दुश्मन सरपंच की बेटी को पकड़ लिया था। इससे नाराज होकर मलखान ने अपने लोगों को फटकार लगाई थी। साथ ही पैर छूकर उस बेटी को भेंट देते हुए वहां से विदा किया था।
उस जमाने में थी एके 47
मलखान गिरोह के पास कई अत्याधुनिक हथियार भी थे। 1980 के दशक में एके-47 के बारे में सोचना किसी अपराधी के लिए सपना से कम नहीं होता था। मलखान के पास उस समय यह हथियार था। साथ ही अमेरिकी राइफल भी इसके गिरोह के पास था। हमेशा दो दर्जन लोगों से मलखान सिंह घिरा रहता था। साथ ही बीहड़ों में खुले आसमान के नीचे ही ठिकाना होता था। मलखान का फिल्मी दुनिया से भी नाता रहा हैं।

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