अभी वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल नहीं
आदिमानव के तीन युग हैं, पेजियोलेथिक, मेजियोलेथिक, नियोलेथिक। इसमें आदिमानव ने अपने औजार बदले और गाड़ी बनाई। शिवपुरी के भरका खोह, कलोथरा, इमलिया, करसेना क्षेत्र में पहाड़ हैं। इनमें गुफा हैं और इनमें पेंटिंग बनी
हैं। आदिमानव जहां रुकते थे, चट्टानों पर पेंटिंग बनाते थे। शिवपुरी में यह रॉक पेंटिंग अलग-अलग समय की बनी हैं। यूनेस्को ने इसे आदिमानव के कालखंड का माना है, पर इसे अभी वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल नहीं किया। इसका विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा।
आसन नदी में कर्ण को बहाया था
शिवपुरी स्थित प्राचीन झरना भरका खोह और गुफाओं के पत्थरों पर मिली पेंटिंग को
यूनेस्को ने मध्यप्रदेश के छह स्थलों को ऐतिहासिक स्थलों की अस्थाई सूची में शामिल किया है। इसमें शिवपुरी के कुछ स्थानों को शामिल किया है। पोहरी व पहाड़गढ़ के बीच आसन नदी है। मान्यता है कि इसी नदी में कुंती ने कर्ण को बहाया था।

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