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"खाने-पीने में पौष्टिक तत्वों को शामिल कर एनीमिया दूर किया जा सकता है", कैसे क्लिक लिंक

सोमवार, 15 अप्रैल 2024

/ by Vipin Shukla Mama
*किशोरियों में खून की कमी बड़ी समस्या, इस बीमारी को दूर करने के उपाय बताये विनोद गिरी सामाजिक कार्यकर्ता 
*किशोरियों में खून की कमी ( एनीमिया) आम बात है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। खाने-पीने में पौष्टिक तत्वों को शामिल कर एनीमिया दूर किया जा सकता है। 
* शक्ति शाली महिला संगठन शिवपुरी की टीम ने शिवपुरी विकास खंड के ग्राम सुरवाया, बूढ़ीबरोद, खेरोना में एनीमिया पर  जागरुकता अभियान चलाया
शिवपुरी। 11वर्ष से 16 वर्ष की उम्र किशोरावस्था की होती है। उम्र बेहद संवेदनशील होता है। क्योंकि इस उम्र में हार्मोन में व्यापक बदलाव होने लगते हैं। मानसिक के साथ शारीरिक अंगों में भी बदलाव होते हैं। ऐसे में किशोर-किशोरियों के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं और जटिलताएं भी आती है। लेकिन कई कारणों से से इसकी जानकारी अपने अभिभावकों को नहीं दे पाते। ऐसे में जरूरी है किशोर किशोरियों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने अभिभावकों को बताएं, अभिभावकों के लिए जरूरी है कि किशोर किशोरियों में किसी भी प्रकार के समस्या होने पर उनकी बातों को सुने और उन्हें मदद करें। यह बातें सदर शक्ति शाली महिला संगठन एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन, स्वास्थ विभाग एवम महिला बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से शिवपुरी के पांच गांव में आज किशोर स्वास्थ्य एवम एनीमिया पर जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक विनोद गिरी द्वारा इन तीनों गांव में एक सेकड़ा से अधिक बालिकाओं को एनीमिया एवम किशोरी स्वास्थ्य पर जागरूक किया बबीता कुर्मी ने बताया कि मां सबसे अच्छी सहेली की तरह होती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आगनवाड़ी या आशा कार्यकर्ता से संपर्क करे । संस्थान के धर्म गिरी ने बताया कि क्या किशोरावस्था में कई बार तनाव काफी ज्यादा हो जाता है। अक्सर देखा जाता है कि किशोर किशोर किशोरियों जल्दी गुस्से में हो जाते हैं। लेकिन उन्हें गुस्से के बजाय खुद को समझना जरूरी है, जब ऐसा लगे तो खुद के बारे में सोचें। फिर में कहां गलती रह गई है, क्या कमी है, खुद से दूर करने का प्रयास करें। यदि नहीं हो तो इसके लिए अपने अभिभावक को बताएं। बेवजह का गुस्सा नहीं करें। शारीरिक और मानसिक परेशानी दोनों होती है। प्रोग्राम में श्रद्धा जादौन ने कहा की किशोरावस्था में कई प्रकार के व्यवहार में बदलाव होते हैं। किशोरियों ने महावारी की शुरुआत होती है, इस समय मन में कई प्रकार की बेचैनियां भी होने लगती है। इस दौरान हाइजीन का खासा ख्याल रखना चाहिए। आयरन युक्त भोजन करना चाहिए। अभी काम से देखा जाता है पौष्टिक भोजन नहीं मिलने के कारण किशोरिया एनीमिया की शिकार भी हो जाती हैं। प्रोग्राम में आशा , आगनवाड़ी किशोरी बालिकाओं के साथ शक्ति शाली महिला संगठन को पूरी टीम ने भाग लिया।















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