शिवपुरी। दुनियाभर में हर साल 12 जून का दिन विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका मकसद बचपन में पढ़ाई-लिखाई से दूर होकर बाल मजदूरी में लगे बच्चों को रोकना है। ये कहना था शक्ति शाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल का जो की पोहरी के जनपद पंचायत हाल के सभागृह में विश्व बाल मजदूरी निषेध दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित बाल श्रम निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि परियोजना अधिकारी नीरज गुर्जर ने कहा की बच्चों के बचपन को बचाने और लोगों के बीच बाल मजदूरी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के हर साल 12 जून को दुनियाभर में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। पहली बार इसका प्रस्ताव अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से किया गया था, जिसका मकसद था- 'बाल श्रम को रोकना'। इसके लिए कई सरकार से लेकर कई संगठन अपने-अपने स्तर पर कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन बिना जागरूकता के यह संभव नहीं है। उन्होंने एक सैकड़ा आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवम सहायिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर बाल श्रम का विरोध करना चाहिए और अगर कोई भी कहीं किसी बचे से बाल श्रम कराता है तो उनका विरोध करना चाहिए। रवि गोयल ने कहा की एक शोध के मुताबिक, विश्व स्तर पर हर दस में से एक बच्चा काम करने के लिए मजबूर है। साल 2000 के बाद से इसकी कुल संख्या में कमी तो आई है, लेकिन पिछले साल में इस कमी की गति भी दो-तिहाई धीमी हो गई है।
विश्वभर में हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद है बच्चों को मजदूरी से हटाकर शिक्षा के लिए प्रेरित करना। जाहिर तौर पर इसके पीछे गरीबी सबसे बड़ी वजह है जिसके चलते बच्चों को कम उम्र में ही काम में लगाया जाता है, जो कि उनके विकास में सबसे बड़ी बाधा डालता है। ऐसे में, इसी बचपन को बचाने के लिहाज से इस दिन को मनाया जाता है। बच्चों से संबधित कार्य के एक्सपर्ट ने कहा की इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की ओर से साल 2002 में बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस की स्थापना की गई थी। बता दें, अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ के 187 सदस्य देश हैं। ILO ने विश्व में श्रम की स्थितियों में सुधार के लिए कई सम्मेलनों को पारित किया है। साथ ही, यह काम के घंटे, मजदूरी, अनुकूल वातावरण इत्यादि मामलों पर भी समय-समय पर जरूरी गाइडलाइन्स देता रहता है। इस बार के विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2024 की थीम है- 'आइए अपनी प्रतिबद्धताओं पर कार्य करें : बाल श्रम समाप्त करें' बता दें, हर साल इस मौके पर अलग-अलग प्रकार से थीम रखी जाती है। थीम के माध्यम से व्यक्ति, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को इस समस्या को खत्म करने के लिए प्रेरित किया जाता है। प्रोग्राम में पोहरी के आईसीडीएस की सभी सुपरवाइजर, आगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओ के साथ शक्ति शाली महिला संगठन की पुरी टीम ने भाग लिया ।

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