शिवपुरी। राकेश दुबे प्रांताध्यक्ष शासकीय शिक्षक संगठन एवम इरशाद हिंदुस्तानी प्रांतीय उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश शासकीय शिक्षक संघ ने बयान जारी किया हैं। लिखा हैं की मध्यप्रदेश शासकीय शिक्षक संगठन निरंतर शिक्षकों की समस्याओं के क्रम में आवाज उठाता रहा है!
(राकेश दुबे)
पिछले 10 महीनो से लगातार चलने वाली उच्च प्रभार की प्रक्रिया में अनेक विसंगतियां रहीं! कभी वरिष्ठता, तो कभी अनुमति, तो अब B.T.I. एवं B.Ed का भेद। शासकीय शिक्षक संगठन ने सदैव इन विसंगतियों के विरुद्ध आवाज को बुलंद किया, जिसमें कुछ मुद्दों पर अधिकारियों ने समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुना एवं निराकरण किया इसके लिए हम विभाग के आभारी भी हैं! पर कुछ मुद्दे और ज्यादा उलझ गए।
(इरशाद हिंदुस्तानी)
कुछ समय पहले स्नातक एवं स्नातकोत्तर की अनुमति के संबंध आई अड़चन के विरोध में संगठन ने आवाज उठाई जिसका सार्थक परिणाम भी सामने आया। अभी तात्कालिक आदेश में उच्च पद प्रभार में माध्यमिक शिक्षकों के लिए B.T.I. एवं उसके समकक्ष योग्यता को मान्य न कर केवल B.Ed को मान्य किए जाने का मुद्दा फिर गरम है। 10 माह पूर्व तक मेरे ही नवीन शैक्षणिक संवर्ग के लिए एवं वर्तमान में सहायक शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक के लिए B.T.I. एवं B.Ed का कोई मुद्दा नही था और दोनों में से कोई भी व्यवसायिक योग्यता धारी शिक्षक को उच्च पद प्रभार का लाभ दिया गया और आज अचानक नवीन शैक्षणिक संवर्ग के लिए भेद उत्पन्न हो गया। वैसे भी माध्यमिक शिक्षक की वर्तमान वरिष्ठता सूची पूर्णतः दोषपूर्ण है। इसमें वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी वर्ग 2 के पद पर नियुक्त होकर वर्ष 2011 से 2014 के बीच अध्यापक पद पर पदोन्नत हुए शिक्षक को वर्ष 1998 का शिक्षाकर्मी वर्ग 2 दर्शाकर वर्ष 2001, 2003, 2006, 2009, 2010 में संविदा शिक्षक वर्ग 2 के पद पर नियुक्त हुए शिक्षकों से ऊपर रखा गया है जो पूर्णतः अवैधानिक है और उसी सूची पर काउंसलिंग भी होने जा रही है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग में जिनकी सितंबर 2023 में काउंसलिंग हो चुकी है वह भी 10 महीने से अपनी रिलीविंग का इंतजार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में शासकीय शिक्षक संगठन का प्रांतीय नेतृत्व मूक दर्शक बनकर यह अनैतिक अफसरशाही को बर्दाश्त नहीं कर सकता। अभी इस संवर्ग के प्रथम व द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश भी प्रदेश के अनेक जिलों में संभागीय संयुक्त संचालक लोकशिक्षण के असहयोग के कारण जारी नही हो पा रहे हैं तो उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए प्रदेश स्तर पर ही शून्यता है। अतः शासकीय शिक्षक संगठन की मांग है कि पहले तो वरिष्ठता सूची गलत तरीके से जुड़े हुए नाम प्रथक किए जावें तथा10 माह पूर्व उच्च पद प्रभार प्राप्त कर चुके माध्यमिक शिक्षकों को उनके नवीन प्रभार का लाभ दिया जावे एवं नवीन काउंसलिंग में B.T.I. एवं B.Ed का भेद समाप्त करते हुए काउंसलिंग की जावे। प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश तत्काल जारी हों।
कभी कभी तो लगने लगता है कि यह कही अधिकारियों का कोई गुप्त एजेंडा तो नही है वर्तमान सरकार के खिलाफ आक्रोश भड़काने का! और यदि ऐसा है तो यह सभी के लिए बहुत घातक है। अंत मे शासकीय शिक्षक संगठन का समस्त अधिकारियों से अनुरोध है कि शिक्षकों के दिमाग में आक्रोश एवं भ्रम की स्थिति उत्पन्न ना हो अन्यथा शासकीय शिक्षक संगठन संपूर्ण मध्यप्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा!

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