बता दें की गांधीनगर अरिहंत नगर एक्सटेंशन में महेश क्षत्रिय अपनी पत्नी कुसुम और 8 महीने की बेटी के साथ रहते हैं। 12 अगस्त की रात करीब 10.30 बजे कुसुम वॉश रूम गई, तो यहां कमोड से सांप को लिपटा देख उनकी चीख निकल गई। वे भागी हुई आई और पति महेश को बताया तो महेश को यकीन नहीं हुआ लेकिन जाकर देखा तो उन्होंने एक सांप पकड़ने वाले को कॉल किया। इसके बाद रात में ही सांप का रेस्क्यू कर लिया गया। सांप करीब 5 फीट लंबा था।
महेश समझ गए कि सांप कमोड में से ही आया है, इसलिए उन्होंने ढक्कन बंद कर उस पर वजन रख दिया। अगले दो दिन तक उन्होंने ढक्कन बंद कर उस पर वजन रखा रहने दिया और वॉशरूम को सिर्फ नहाने के लिए उपयोग किया।
हद तब हुई जब तीन दिन बाद दो कोबरा और निकले
महेश ने 15 अगस्त की सुबह कमोड का ढक्कन हटाया तो वहां फिर से दो कोबरा देख वह डर गए। उन्होंने तुरंत कमोड का ढक्कन बंद किया और उसी सांप पकड़ने वाले तो दोबारा बुलाया लेकिन इस बीच दोनों कोबरा कमोड के अंदर चले गए। इस पर सांप पकड़ने वाले ने जिंदा मछली कमोड में रखने के लिए कहा जिससे कोबरा बाहर आ सके। महेश ने मछली लाकर वॉशरूम के टब में छोड़ दी और निगरानी करने लगे। दोपहर में एक कोबरा बाहर आया। महेश ने उसका वीडियो बना लिया और डंडे से कमोड का ढक्कन लगा दिया। लेकिन जब उसे पकड़ने के लिए कॉल किया तो वह आनाकानी करने लगा। इस बीच दूसरा सांप कमोड से बाहर आने की कोशिश करने लगा, लेकिन बाहर नहीं आ पाया बल्कि जो सांप बाहर था, वह भी अंदर चला गया। इसके बाद महेश ने दूसरे
सांप पकड़ने वाले महेंद्र श्रीवास्तव को बुलाया, लेकिन तब दोनों कोबरा बाहर ही नहीं निकले। पूरा परिवार अजीब मामले से घबराया हुआ था फिर 16 अगस्त को महेश अपने परिवार के साथ कई घंटे घर से बाहर बैठे रहे। जब अंदर जाकर देखा तो इस बीच फिर एक कोबरा कमोड के बाहर आया उसे देखकर महेश ने तुरंत डंडे से ढक्कन बंद कर दिया और सांप पकड़ने महेंद्र को बुलाया जो मौके पर पहुंचे और सांप को रेस्क्यू कर लिया। लेकिन पिक्चर अभी बाकी थी क्योंकि दूसरे कोबरा को पकड़ने के लिए आधे घंटे तक कमोड में पानी डाला गया, लेकिन वो बाहर नहीं आया और उसका अभी तक कुछ पता नहीं चला है।
रात भर जगती रही पत्नी
महेश की पत्नी कुसुम ने बताया कि पहली बार उन्होंने इतने बड़े सांप देखे हैं। 8 माह की बेटी साथ है, इसलिए हर समय डर लगा रहता है। तीन रात तक सो नहीं पाई। रात में बार-बार दरवाजे को देखती कि कहीं सांप कमरे में न आ जाए। हालांकि छुट्टी के चलते पति दिनभर घर में ही थे, इसलिए हिम्मत बंधी रही।
एसिड डाल दो, लेकिन दिल नहीं माना
महेश ने बताया कि जब सांप का पता चला तो कई लोगों ने कहा कि गर्म पानी डाल दो, एसिड डाल दो। मगर हम सांपों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। इसलिए हमने इंतजार किया और उन्हें सुरक्षित पकड़वाकर छुड़वा दिया। जिस मछली को लेकर आए थे, उसे भी चौकीदार को देकर तालाब में छोड़ने का कहा।
महेश ने बताया कि उनके घर के आसपास खेत है। तीन साल पहले ही यहां रहने आए हैं। लेकिन ये पहली बार है जब घर में सांप निकले हैं। संभवतः खेत से ही सांप चेंबर के रास्ते कमोड तक पहुंचे होंगे। उनके यहां ओवरफ्लो की लाइन और टैंक बना हुआ है। इसके बाद लाइन चेंबर में जुड़ी है।
इधर, रेस्क्यू करने वाले महेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ओवरफ्लो के लिए जो चेंबर बनाया गया है, उससे संभावना है कि सांप वहां से कमोड तक पहुंचे होंगे। इधर जानकारों की मानें तो कमोड में नीचे लगने वाला मुर्गा नहीं लगा हो तब इस तरह की संभावना हो सकती हैं क्योंकि मुर्गे को बनावट इस तरह की जाती हैं की कोई कमोड में न आ सके। फिलहाल दो सांपों का रेस्क्यू हो चुका है, तीसरे सांप का पता नहीं चल पाया है।

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