इंदौर। महानगर में एक पिता को चलते स्कूटर पर अटैक आया तो साथ जा रही 14 साल की बेटी ने रोते हुए लोगों से मदद मांगी तभी वहां से गुजर रहे एक हेड कॉन्स्टेबल ने उन्हें सीपीआर देकर उनकी जान बचाई। घटना इंदौर-महू रोड पर सोमवार शाम करीब 5.30 बजे की है। पीथमपुर के रहने वाले जगदीश अपनी बेटी के साथ जा रहे थे। तभी उन्हें घबराहट होने लगी। उन्होंने स्कूटर साइड में रोकी। इसके बाद गाड़ी पर ही बैठ गए। बेटी उन्हें संभालने के लिए गाड़ी से उतरी। पिता को पसीने से लथपथ देख वह भी घबराने लगी। रोते हुए लोगों से मदद मांगने लगी। कुछ देर में वहां भीड़ लग गई। इसी बीच किशनगंज थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल राघवेंद्र रघुवंशी वहां बाइक से गुजर रहे थे। भीड़ देखकर वे रुके और बच्ची से पूछा तो उसने पिता की ओर इशारा किया। जगदीश तब तक जमीन पर गिर गए थे। राघवेंद्र ने तुरंत मामला समझकर उन्हें सीपीआर दी। कुछ ही सेकेंड में जगदीश की सांसें ठीक से चलने लगी। वे बेहोशी की हालत से बाहर आए। उन्होंने पुलिसवाले को धन्यवाद दिया।
CPR को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) कहते है। यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जिससे आप किसी की जान बचा सकते हैं। इसे सभी को सीखना चाहिए।
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