* शिवपुरी में होती हैं परिवार परामर्श गोष्ठियां
* समानान्तर व्यवस्था पर सवाल
(पत्रकार रिंकू जैन की रिपोर्ट)
शिवपुरी। मध्य प्रदेश में पुलिस विभाग के माध्यम से संचालित कराए जा रहे परिवार परामर्श केंद्र और महिला हेल्पलाइन बंद किए जाने के आदेश भारत सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा 19 दिसंबर 2014 को जारी किए जा चुके हैं। गृह विभाग भी इस सम्बंध मेंं उक्त केन्द्रों को बंद करने सम्बंधी स्पष्ट आदेश जारी कर चुका है मगर शिवपुरी जिले में नियम विरुद्ध यह समानान्तर व्यवस्था बदस्तूद जारी है। यहां पुलिस विभाग द्वारा नियम विरुद्ध बिना किसी आदेश के परिवार परामर्श केंद्र का संचालन किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि गत 27 फरवरी 2024 को मध्य प्रदेश शासन के अपर सचिव गृह विभाग द्वारा भी इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें स्वाधार गृह योजना अंतर्गत पुलिस विभाग द्वारा संचालित परिवार परामर्श केंद्र महिला हेल्पलाइन जिला रीवा रिट पिटीशन क्रमांक 1431 /2016 एवं कंटेंप्ट पिटिशन क्रमांक 1630 के क्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला सुरक्षा पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा भी 26 मार्च 2024 को पुलिस डिप्टी कमिश्नर सहित समस्त जिला पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में एक पत्र जारी कर स्पष्ट तौर पर कहा गया कि पुलिस द्वारा किया जा रहा परिवार परामर्श केंद्रो व महिला हेल्पलाइन का संचालन 1 अप्रैल 2015 से ही बंद करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके बावजूद रीवा जिले में पुलिस परिवार केंद्र तथा महिला हेल्पलाइन में भी काउंसलरों को निरंतर रखे जाने एवं उनके द्वारा लम्बित स्वत्वों के निराकरण के लिए रिट तथा अवमानना याचिका हाईकोर्ट में दायर किए जाने की स्थिति निर्मित हुई है। पुलिस द्वारा संचालित परिवार परामर्श केंद्र एवं महिला हेल्पलाइन तत्काल बंद किए जाने के निर्देश प्रसारित किए लेख एडीजी ने सभी संदर्भित पत्रों का हवाला देते हुए किया गया। एडीजी ने अपने पत्र में कहा कि प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र के पालन में पुलिस द्वारा संचालित परिवार परामर्श केंद्र महिला हेल्पलाइन तत्काल बंद किया जाए। सवाल उठता है कि 26 मार्च 2024 को पत्र के बावजूद शिवपुरी में परिवार परामर्श केंद्र का संचालन कैसे किया जाता रहा है, जो अपने आप में इन तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के पत्राचार तथा न्यायालय में दायर की गई पिटीशन की भावनाओं के प्रतिकूल है। जिस प्रकल्प को महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव ही भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में बंद करने संबंधी कदम उठा चुके हैं वह परिवार परामर्श केंद्र अभी भी कैसे संचालित हो रहे हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों को इंप्रेस करने तक सीमित कदम
लोगों की मानें तो यह सब जिले के वरिष्ठ अधिकारियों पर इंप्रेशन जमाने भर के लिए किया जाता है। जबकि यतार्थ ने कोई ठोस पहल नहीं की जाती। इतना ही नहीं नगर के कुछ समाजसेवी संस्थाएं तो सरकारी अमले, सरकारी दवाओं का इस्तेमाल करते हुए शिविर लगाती हैं और खुद वाह वाही लुटती हैं, जबकि इस बात को जिले के आला अधिकारियों को समझना चाहिए जिससे हकीकत में समाजसेवा करने वालों की सच्ची सेवा का अर्थ समझ सकें।

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