मामला कटनी जिले में नेशनल हाईवे 30 पर कटनी बायपास मार्ग निर्माण का है। यहां कांग्रेस नेता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा स्थापित थी। नेशनल हाईवे पर पुल बनाने समेत रोड निर्माण का कार्य हो रहा है। इस वजह से यहां चौराहे पर लगी माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना था। लेकिन शिफ्टिंग के लिए प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। प्रतिमा को अपमानजनक तरीके से उतारा गया।शुक्रवार को प्रतिमा हटाई गई थी, जिसका वीडियो शनिवार को सामने आया। शनिवार को ही प्रतिमा पास में दूसरी जगह स्थापित कर दी गई है।
प्रतिमा के गले में रस्सी बांधी और पोकलेन से उतारा
वीडियो में दिख रहा है कि माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को पोकलेन मशीन के जरिए हटाया जा रहा है। दो कर्मचारी प्रतिमा पर चढ़ते हैं। वे एक रस्सी को कसकर प्रतिमा के गले में बांधते हैं और फिर उस रस्सी को पोकलेन मशीन के पंजे में बांध देते हैं। रस्सी बांध के बाद मशीन से उसे लिफ्ट किया जाता है और फिर उसे नीचे रख दिया जाता है।
कांग्रेस की मांग- मान-सम्मान से स्थापित की जाए प्रतिमा
कांग्रेस के युवा नेता दिव्यांशु अंशु मिश्रा ने इस मामले को मध्यप्रदेश के विकास में माधवराव सिंधिया के योगदान का अपमान बताया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि(माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को वहीं थोड़ी दूरी पर दूसरी जगह स्थापित किया गया है।)
माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को मान-सम्मान और प्रतिष्ठापूर्ण तरीके से फिर से स्थापित किया जाए।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने की कलेक्टर से बात
प्रतिमा हटाने की इस कार्रवाई का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसे लेकर कलेक्टर और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अफसरों से बात की। वीडी शर्मा ने प्रतिमा का विस्थापन सौंदर्याकरण के साथ अच्छे से अच्छी जगह करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज के निर्माण में योगदान देने वाले
महापुरुषों की प्रतिमा के साथ इस प्रकार की असंवेदनशीलता अस्वीकार्य है।
एनएचएआई ने चार इंजीनियर्स को किया सस्पेंड
एनएचएआई के परियोजना निदेशक कटनी आनंद प्रसाद ने बताया कि नेशनल हाईवे-30 पर कटनी-बायपास मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें चाका जंक्शन का विकास कार्य प्रस्तावित है। यहां पर स्व. माधवराव सिंधिया की मूर्ति पूर्व से स्थापित थी। विकास कार्य के लिए प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेकर नए चिन्हित स्थान पर स्थापित की जानी थी। लेकिन निर्माणकर्ता एजेंसी ने बगैर अनुमति के प्रतिमा स्थानांतरण की कार्रवाई की। इसकी जानकारी मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई है।
ये हुए घोर लापरवाही पर निलंबित
प्रशासन ने निर्माण कार्य एजेंसी के सीनियर इंजीनियर मनोज वर्मा, इंजीनियर आशीष सिंह परिहार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इंजीनियर मनोज वर्मा, इंजीनियर आशीष सिंह परिहार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्राधिकरण अभियंता, टीम लीडर राजेश कुमार नेमा, सहायक ब्रिज इंजीनियर दीपक सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को भी कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर, 3 दिवस के अंदर जवाब देने को निर्देशित किया गया है।
बताया कि स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा सम्मान से स्थापित की गई है और उत्कृष्ट सौंदर्याकरण किया जाएगा।
कांग्रेस ने कहा, ज्योतिरादित्य को सड़क पर आ जाना चाहिए
इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने कहा है कि सिंधिया को सड़क पर आ जाना चाहिए। हम उनके साथ हैं। यह
घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। माधवराव सिंधिया राष्ट्रीय नेता थे। लोग उनका नाम सम्मान के साथ लेते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके बेटे हैं, वे भाजपा में हैं और भाजपा के शासनकाल में अगर उनके पिता की प्रतिमा के साथ ऐसा अपमान किया जाता है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को सड़क पर आ जाना चाहिए। हालांकि इस बयान को राजनीति से प्रेरित माना जा रहा है, क्योंकि घटना पर पहले ही न सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीजेपी कठोर स्टेप ले चुकी जिसकी गाज चार इंजीनियर पर निलंबन के रूप में गिर चुकी है।
कहीं कोई साजिश तो नहीं
उक्त मामले में ठोस कारवाई हुई है, ये तो ठीक लेकिन प्रतिमा को इस तरह हटाया जाना फिर उसका वीडियो वायरल होना पूरे मामले में ये जरूर देखना चाहिए कि कोई साजिश जानबूझकर तो नहीं की गई। क्योंकि वर्तमान राजनीति में घटिया हरकत का ग्राफ रसातल तक जा गिरा है।

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