Google Map गूगल मैप पर भरोसा करना कार सवारों को महंगा पड़ गया। उनकी कार एक आधे पुल से सीधे नदी में जा गिरी जिसमें दो सगे भाइयों सहित एक अन्य की मौत हो गई। अगर आप भी गूगल मैप के बताए रास्ते पर चलते हैं तो सावधान हो जाइए। ये फोटो उत्तर प्रदेश के बरेली के उसी हादसे का है, जिसके कार सवार घने कोहरे में गूगल मैप के भरोसे चल रहे थे। जीपीएस ने निर्माणाधीन पुल का रास्ता सुझाया तो कार सवार उसी रस्ते पर चल पड़े लेकिन आगे जाकर कार पुल से नदी में जा गिरी। जिसमें तीन युवाओं की मौत हो गई। घटना उत्तर प्रदेश के बरेली में शनिवार देर रात की है। जब निर्माणाधीन पुल पर चढ़ी कार रामगंगा में जा गिरी। हादसे में दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रामगंगा नदी पर बना पुल टूटा था। चालक गूगल मैप के सहारे गाड़ी चला रहा था। जब तक चालक को पता चल पाता कि आगे सड़क नहीं है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रविवार सुबह अल्लपुर गांव के लोग खेतों की तरफ निकले। कुछ लोग रामगंगा की ओर बढ़े तो देखा कि पानी में खून बह रहा था। आगे जाकर देखा तो एक कार गिरी थी, जिसमें तीन लोग फंसे हुए थे। तीनों की ही मृत्यु हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घटना की जानकारी होने के बाद मौके पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे। बता दें कि बदायूं के दातागंज और बरेली के फरीदपुर को जोड़ने के लिए अभी तक कोई रास्ता नहीं था। इस पुल का आधा हिस्सा पिछले साल तेज बारिश की वजह से गिर गया था, तभी से ये बना नहीं था। बताया जा रहा है कि शेष हिस्से पर आवागमन रोकने के लिए दो फीट की कच्ची दीवार बनाई गई थी, जो कि धीरे-धीरे दरककर हट चुकी थी। दूसरे छोर पर पुल के नये खंभे आदि बनाए जा रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, शनिवार को फर्रुखाबाद निवासी दो भाई अजीत और नितिन अपने मित्र अमित के साथ गाजियाबाद की तरफ से आ रहे थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने गूगल मैप के सहारे रास्ता ढूंढा था। इस पुल का रास्ता भी गूगल मैप ने दिखाया तो चालक ने गाड़ी पुल पर चढ़ा दी। रात में अंधेरा था और चालक को नहीं पता था कि 30 मीटर के बाद रास्ता नहीं है। इसकी वजह से उनकी कार रामगंगा में जा गिरी। मौके पर ही तीनों की मृत्यु हो गई।
हादसे के बाद प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। जिनका जवाब अभी तक किसी को नहीं मिल पाया है। हालांकि सभी तथ्यों पर पुलिस और प्रशासन के लोग जांच में जुट गए हैं। पुलिस का कहना है कि विवेक के भाई राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कार सवार मेरी बेटी की शादी में आ रहे थे। इन लोगों ने गूगल मैप लगाया। गूगल ने रास्ता सही नहीं बताया। कार 50 फीट नीचे गिर गई। कार में मेरे दो चचेरे भाई थे और उनका दोस्त था। उनके नाम अजीत, नितिन और अमित हैं।
* गूगल मैप के सहारे चलें तो सतर्क रहिए
बैटरी सेविंग मोड
कई बार हम फोन की बैटरी बचाने के लिए बैटरी सेविंग मोड ऑन करते हैं। इससे फोन के कुछ फंक्शन काम नहीं करते हैं। इससे गूगल मैप गलत दिशा दिखा सकता है।
लोकेशन हिस्ट्री ऑन रखिए
अगर लोकेशन हिस्ट्री बंद है, तो हो सकता है कि गूगल मैप सही टाइम ड्यूरेशन न दिखाए।
GPS सिग्नल कमजोर न हों
अगर आपके फोन में सिग्नल कमजोर दै, गूगल मैप सही लोकेशन नहीं बता पाएगा।
नेटवर्क कवरेज न हो या कम हो yo
फोन में कम नेटवर्क कवरेज होने से गूगल मैप सटीक लोकेशन नहीं दे पाता।
डिवाइस सेटिंग्स
कई बार फोन में हम कुछ ऐसी सेटिंग्स को ऑन रखते हैं या परमिशन ऑफ रखते हैं जिसकी वजह से गूगल मैप सटीक लोकेशन नहीं दे पाता।
रात को खास सावधानी बरतिए
रात का सफर सिर्फ कार की लाइट की दृश्यता तक सीमित होकर रह जाता है, दिन की तरह दूर तो दिखाई नहीं देता न ही आसपास की लोकेशन पता चलती जिससे इस तरह के हादसे के हालात बनते हैं इसलिए रात को गूगल मैप के माध्यम पर ही आश्रित न रहें बल्कि पुरानी तकनीक राहगीरों से पूछताछ भी करते रहें। इसमें शर्म नहीं करनी चाहिए लेकिन पूछताछ अच्छे इंसान और बेहतर जगह देखकर जरूर करें जिससे कोई वारदात न हो।

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