*शगुन वाटिका में पंसारी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उत्साह से मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
शिवपुरी। मनुष्य यदि सोचे कि वह अपराध करे और अपने कर्म से बच जाए तो यह इस सृष्टि में संभव नहीं है क्योंकि जब-जब सृष्टि पर अधर्म को प्रभाव बढ़ता तब-तब किसी ना किसी रूप में अधर्म को धर्ममय परिवर्तित