शिवपुरी। मनुष्य यदि सोचे कि वह अपराध करे और अपने कर्म से बच जाए तो यह इस सृष्टि में संभव नहीं है क्योंकि जब-जब सृष्टि पर अधर्म को प्रभाव बढ़ता तब-तब किसी ना किसी रूप में अधर्म को धर्ममय परिवर्तित
करने के लिए ही भगवान विभिन्न रूपों में अवतरित होते है इसलिए जब भी अपने सेवा कार्य करें तो उसके फल की चिंता ना करें, क्योंकि परमात्मा सभी को अपने कर्मों के अनुरूप फल देता है, भागवत कथा सुनने मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है इसलिए कथा श्रवण जरूर करें और कथा मार्ग पर चलने का प्रयास करें। भगवान के अवतरित होने का यह वर्णन और भक्ति मार्ग पर चलने का यह मार्ग प्रशस्त किया व्यासपीठ से प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा मर्मज्ञ पं.श्री अंकुश तिवारी महाराज (ओरैया वाले) ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में पंसारी