* साल भर की गतिविधियों व मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शिक्षक पद्म सम्मान के सफल आयोजन के लिए टीम मध्य प्रदेश को अलग-अलग कैटेगरी में आठ अवॉर्डों से सम्मानित किया गया
शिवपुरी। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के 5 सितारा होटल क्लार्क शिराज में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर आईपीएस अधिकारी श्री विकास वैभव, प्रबंधन और उद्यमिता और पेशेवर कौशल परिषद के अभिजीत मुखर्जी और संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद एवं संयुक्त सचिव डॉ. एस पी वर्मा ने किया। टीम मध्य प्रदेश से श्री पवन कुमार शर्मा प्रेसिडेंट, श्री राजकुमार शर्मा सेक्रेटरी, श्री एस के गुप्ता संस्कार पब्लिक स्कूल ग्वालियर, श्री कपिल गुप्ता डायरेक्टर मैक्स इंटरनेशनल और श्री राजेश सिंह सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में देश भर के सभी राज्यों से 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें सभी ने निजी स्कूलों द्वारा फेस की जा रही परेशानियों - आरटीई का पैसा कई वर्षों से न मिलाना, शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों द्वारा लगातार परेशान करना, कई तरह के पोर्टल खोल देना से संबंधित अपनी समस्याओं को साझा किया गया। स्टेट प्रेसिडेंट श्री पवन कुमार शर्मा ने कहा कि निजी स्कूल अपनी क्वालिटी एजुकेशन के लिए जाने जाते हैं इसलिए हमें सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए ईश्वर के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए कि उन्होंने आज के विद्यार्थी, भावी समाज के निर्माताओं को तराशने की जिम्मेदारी हमें दी है। जिस काम को प्राइवेट स्कूल बखूबी निभा रहे हैं। प्राइवेट स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु आवश्यक समस्त सामग्री अपने संसाधनों से उपलब्ध करवाते हैं। जिसके लिए उन्हें सरकारी मदद उपलब्ध नहीं है। इसलिए प्राइवेट स्कूल पर RTE के तहत एडमिशन का जो दबाव रहता है उसके लिए सरकार को कुछ ठोस सुधार करने की आवश्यकता है क्योंकि इससे यह सिद्ध होता है कि सरकारी स्कूलों को सरकार से पूरा फंड मिलने के बाद भी वे समर्थ नहीं हैं सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में। साथ ही जिन टीचर्स की नियुक्ति सरकारी स्कूलों में की जाती है उन्हें भी सरकार एग्जाम के माध्यम से चुनकर एक अच्छा मानधन देती है विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए। तो फिर प्राइवेट स्कूलों पर RTE के तहत एडमिशन का बर्डन क्यों? इसे हटाया जाना चाहिए। साथ उन्होंने यह भी कहा कि प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी पारंगत किया जाता है ताकि विद्यार्थी बदलते परिवेश के साथ उचित सामंजस्य बना सके और अपने भविष्य को उज्जवल कर पाए और पेरेंट्स भी इस बात को समझते हैं और इच्छानुसार विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन दिलाते हैं जिसके लिए वे बाध्य नहीं है। आज के समय में विद्यार्थियों का शॉर्ट टेंपर्ड होना, आत्महत्या जैसे कदम उठाना, मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग करना जैसे कार्यों को रोकने में पेरेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम में में भारत सरकार के प्रबंधन और उद्यमिता और पेशेवर कौशल परिषद एवं प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के साथ NEP 2020 के अंतर्गत एक संयुक्त MoU साइन हुआ जिसमें देश भर के 25 लाख प्री प्राइमरी शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया। विद्यार्थियों के भविष्य को सुदृढ़ करने हेतु इस दिशा में यह एक ठोस कदम है।















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