शिवपुरी। दूरसंचार वाहिनी, भातिसीपु बल में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति शिवपुरी की छमाही बैठक का आयोजन हुआ।
दिनांक 17 जनवरी 2025 को दूरसंचार वाहिनी, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के परिसर में श्री महेश कलावत, उप महानिरीक्षक, दूरसंचार वाहिनी की अध्यक्षता में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, शिवपुरी की वर्ष 2024-25 की द्वितीय छमाही बैठक का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति शहर में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि से मिलकर बनी एक समिति है, जिसका मुख्य उद्देश्य इन कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढावा देना और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए मंच प्रदान करना है। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए नराकास की वर्ष में दो बैठकें आयोजित की जाती है।
2. श्री के.आर. मीना, द्वितीय कमान, राजभाषा अधिकारी, दूरसंचार वाहिनी द्वारा श्री महेश कलावत, उप महानिरीक्षक सह अध्यक्ष नराकास का स्वागत किया। तदोपरांत अवगत कराया गया कि श्री महेश कलावत, उप महानिरीक्षक एवं अध्यक्ष नराकास के निर्देशन में राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढावा देने एवं सदस्य कार्यालयों के बीच प्रतिस्पर्धा जागृत करने हेतु राजभाषा शील्ड योजना की शुरूआत वर्ष 2022 से की गई है। इस योजना के अंतर्गत सदस्य कार्यालयांे में से हिंदी में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले कार्यालय को शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। श्री महेश कलावत, उप महानिरीक्षक द्वारा इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 के लिए विजेता कार्यालय सपोर्ट वैपन ट्रेनिंग स्कूल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, करैरा मप्र के कार्यालध्यक्ष श्री मनीष कटारिया, उप महानिरीक्षक एवं निरीक्षक (हिंदी अनुवादक) कृष्णा भार्गव को शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। बैठक की कार्यवाही को आगे बढाते हुए नराकास, शिवपुरी के सचिव हरिओम भारती गोस्वामी द्वारा सदस्य कार्यालयों से प्राप्त छमाही रिपोर्टो के आधार पर इन कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के प्रयोग एवं स्थिति की समीक्षा की गई एवं विभिन्न मदों एवं सुझावों पर चर्चा हुई।
3. श्री महेश कलावत, उप महानिरीक्षक सह अध्यक्ष द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि नराकास शिवपुरी के सभी सदस्य कार्यालय राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं, फिर भी हमंे मिलकर राजभाषा हिंदी को सुदृढ़ और सरल बनाने हेतु सतत प्रयास करने होंगे ताकि राजभाषा हिंदी सम्पूर्ण राष्ट्र में आमजन की भाषा बन सकें।

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