* आठ दिन की यात्रा में पुम्दी कोट, मनकामना, पशुपतिनाथ, सतीमाता, जनकपुर सहित तमाम हिन्दू तीर्थों पर पहुंचा जत्था
शिवपुरी। यूं तो भारत में ही हिन्दू धर्म से जुड़े तमाम तीर्थ और धार्मिक स्थान हैं, लेकिन शिवपुरी के पाँच युवाओं ने भारत की सीमा से परे हिन्दू राष्ट्र नेपाल की आठ दिवसीय धार्मिक यात्रा के दौरान सरहद के पार भारत की संस्कृति और धार्मिक आस्था का ध्वज फहराते हुए नेपाल की धरती पर जयश्री राम के नारे बुलंद कर डाले। दरअसल शिवपुरी MP के रहने वाले लेखक और ब्लॉगर नीरज सरैया, राष्ट्रीय कवि प्रदीप अवस्थी, शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष स्नेहसिंह रघुवंशी व समाजसेवी बृजेन्द्र भार्गव कुल्लू एवं मनोज खत्री आठ दिन की विदेश यात्रा पर समीपस्थ देश नेपाल पहुंचे जहां उन्होंने न केवल नेपाल बल्कि हिन्दुस्तान की आस्था का केन्द्र रहे पोखरा के पुम्दी कोट में भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए,(नेपाल में जय श्री राम के नारे लगाते MP शिवपुरी के युवा)
वहीं सतहतल से करीब 200 मीटर नीचे स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर ,विंध्यवासिनी मंदिर स्थित मां के दर्शन किए और पराये देश की धरा पर राम जी, हनुमान जी सहित मां के जयकारे लगाए। इसके बाद इन युवाओं का काफिला सात पर्वत श्रृंखलाओं के ऊपर स्थित मां मनकामना के मंदिर पर उडऩ खटोला के रास्ता पहुंचा और यहां मां के दरबार में भारत देश की समृद्धि,शांति और सौहाद्व की कामना की। आगे यह दल विश्वविख्यात काठमाण्डू स्थित पशुपतिनाथ के दर्शन करते हुए भोलेनाथ के जयकारे बुलंद किए और वहां से जानकी मैया की जन्मस्थली जनकपुर पहुंचा और यहां भी मां जानकी और श्रीराम के नारे लगाए। यहां से स्वदेश वापसी करते हुए इन युवाओं का काफिला भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या पहुंचा और यहां प्रभुराम के दर्शन उपरांत आज देर शाम शिवपुरी पहुंचा। इस समूह का नेतृत्व कर रहे नीरज सरैया ने बताया कि यह पूरी यात्रा बहुत ही आनंदमयी, मस्तिष्क और मन में भारतभूमि की धार्मिक आस्थाओं और प्रभु के प्रति समर्पण के संचार का माध्यम रही। दल के सदस्य प्रदीप अवस्थी ने कहा कि नेपाल में भी भारत की ही तरह हिन्दू परंपराओं धर्म और धार्मिक आस्थाओं का समर्पण और गहराई से पालन किया जा रहा है जो धार्मिक तौर पर गर्व का विषय है। इस दल के शिवपुरी लौटने पर शहर के धर्मप्रेमी लोगों ने सभी का जोरदार स्वागत किया।
वहीं सतहतल से करीब 200 मीटर नीचे स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर ,विंध्यवासिनी मंदिर स्थित मां के दर्शन किए और पराये देश की धरा पर राम जी, हनुमान जी सहित मां के जयकारे लगाए। इसके बाद इन युवाओं का काफिला सात पर्वत श्रृंखलाओं के ऊपर स्थित मां मनकामना के मंदिर पर उडऩ खटोला के रास्ता पहुंचा और यहां मां के दरबार में भारत देश की समृद्धि,शांति और सौहाद्व की कामना की। आगे यह दल विश्वविख्यात काठमाण्डू स्थित पशुपतिनाथ के दर्शन करते हुए भोलेनाथ के जयकारे बुलंद किए और वहां से जानकी मैया की जन्मस्थली जनकपुर पहुंचा और यहां भी मां जानकी और श्रीराम के नारे लगाए। यहां से स्वदेश वापसी करते हुए इन युवाओं का काफिला भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या पहुंचा और यहां प्रभुराम के दर्शन उपरांत आज देर शाम शिवपुरी पहुंचा। इस समूह का नेतृत्व कर रहे नीरज सरैया ने बताया कि यह पूरी यात्रा बहुत ही आनंदमयी, मस्तिष्क और मन में भारतभूमि की धार्मिक आस्थाओं और प्रभु के प्रति समर्पण के संचार का माध्यम रही। दल के सदस्य प्रदीप अवस्थी ने कहा कि नेपाल में भी भारत की ही तरह हिन्दू परंपराओं धर्म और धार्मिक आस्थाओं का समर्पण और गहराई से पालन किया जा रहा है जो धार्मिक तौर पर गर्व का विषय है। इस दल के शिवपुरी लौटने पर शहर के धर्मप्रेमी लोगों ने सभी का जोरदार स्वागत किया।

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