कोलारस। श्रीमद भागवत कथा कोलारस वीरमखेड़ी रेलवे स्टेशन के पास चल रही कथा के तीसरे दिन भक्तों ने महाराज जी के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया भागवत कथा के तीसरे दिन की शुरुआत भगवान की आरती के साथ और विश्व शांति की के लिये प्रार्थना के साथ प्रारम्भ की गई,समुन्द्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा की मानव ह्रदय ही संसार सागर है! मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है! कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चिंतन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का मंथन चलता रहता है!कथा वाचक महाराज श्री आचार्य मुकेश शास्त्री जी ने बताया कि जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दुखी,परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा और जिसके अंदर के देवता जीत गया उसका जीवन सुखी, संतुष्ट और भागवत प्रेम से भरा होगा! इसलिये हमेशा अपनेविचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय एवं आनंद मय बनाना चाहिए! श्रष्टि के विस्तार में मनु महाराज एवं सतरूपा महारानी के वंश का वर्णन किया,कपिल देवहूति संवाद के माध्यम से संख्या शास्त्र का विवेचन किया, अभिमान सहित दक्ष ने यज्ञ कराया जिसमे मैया सती ने अपने प्राणों की आहुति दी,प्रभु को प्राप्त करने की कोई आयु निश्चित नही है,मात्र 5 वर्ष की छोटी सी आयु में भगवान को प्राप्त कर लिया,अनेक कष्टो को सहन करते हुए,पिता की यातनाओ को सहन करते हुऐ भी प्रभु का भजन नही छोड़ा जिससे प्रभु ने कृपा करके खंबे से नरसिंह अवतार लिया एवं दुष्ट हिरण्यकश्यप का उद्धार किया, कथा विराम के बाद समस्त भक्तो और मुख्य याजवान श्री भगवती प्रसाद जी बिंदल, श्रीमति निर्मला बिंदल परिवार ठाकुर बाबा सेवा समिति समस्त बिंदल परिवार ने भागवत जी की आरती कर ,एवं प्रसाद ग्रहण किया 20 फरवरी को भागवत कथा में कृष्ण नंदउत्सव मनाया जायेगा l

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