छत्रपति शिवाजी का शौर्य,साहस और रणकौशल अविस्मरणीय:अवस्थीबदरवास। भारतवर्ष के महान योद्धा और आदर्श शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती बदरवास के शासकीय कन्या उमावि में उत्साह के साथ मनाई गई जिसमें शिवाजी महाराज को नमन करते हुए उनके शौर्य,त्याग,अदम्य साहस से छात्राओं को अवगत कराया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्रपति शिवाजी महाराज के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। प्रेरणा गीत शशि गुप्ता ने प्रस्तुत किया।विद्यार्थियों को छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र से अवगत कराते हुए शिक्षक गोविन्द अवस्थी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे वीर योद्धा और श्रेष्ठ शासक थे।वे राष्ट्र गौरव और हमारे आदर्श हैं।शिवाजी महाराज गोरिल्ला युद्ध के जनक थे जिसके कारण उनकी पहचान आक्रामक योद्धा के रूप में हुई।उनके गुरु संत रामदासजी ने शिवाजी को देश-प्रेम और देशोद्धार के लिए प्रेरित किया था।अपने अदम्य साहस,शौर्य और रण-कुशलता से शिवाजी ने एक स्वतंत्र तथा शक्तिशाली विशाल साम्राज्य स्थापित कर लिया था।डॉ ममता यादव ने कहा कि शिवाजी महाराज को सैन्य रणनीतिकार, कुशल प्रशासक और वीर योद्धा के रूप में जाना जाता है।
प्राचार्य चंद्रवीरसिंह सेंगर ने कहा कि छत्रपति शिवाजी जब अपने दुश्मन से अपने को कम पाते तो युद्ध के मैदान से पीछे कदम लेकर पुनः शक्ति का संचय कर तीव्रगति से आक्रमणकारियों पर एकाएक हमला कर विजय प्राप्त करते थे। शैलेंद्र भदौरिया ने कहा कि छत्रपति शिवाजी भारत वर्ष के महानतम शासको में से एक साबित हुए।कार्यक्रम का संचालन राजेश मिश्रा ने करते हुए महाकवि भूषण की वीर रस से ओतप्रोत कविता प्रस्तुत की। इस अवसर पर चंद्रवीरसिंह सेंगर,दिनेश शर्मा,बसंती मिंज,उदय सिंह,मिथलेश मीणा,कपिल परिहार,विनीता कुशवाह,राजेश मिश्रा,सोनिया भदकारिया,महेंद्र कुशवाह,हरवीर यादव,निर्मला शर्मा,दलवीर सिंह,शालिनी श्रीवास्तव,बलराम परिहार सहित बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं।

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