ललितपुर। ललितपुर यूपी के देवगढ़ में पर्यटन की संभावनाएं परखने पहुंचे अधिकारियों की टीम मधुमक्खी के हमले में घायल होकर लौटी है। मधुमक्खियों ने IAS कमलाकांत पांडेय को इस कदर डंक मारे कि वह बेहोश होकर जंगल में गिर पड़े। उन्हें खटिया पर लाना पड़ा। उनकी ऐसी हालत देखकर गनर चंद्रपाल सिंह उनसे लिपट गया। फिर मधुमक्खियां गनर पर टूट पड़ीं, जिससे वह भी बेहोश हो गया। थोड़ी देर बाद ADM (राजस्व) अंकुर श्रीवास्तव ग्रामीणों के साथ कंबल ओढ़कर उन्हें ढूंढते हुए पहुंचे। देखा तो चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (CDO) कमलाकांत पांडेय और गनर जमीन पर पड़े थे। CDO का मुंह मिट्टी में धंसा था। उन्हें कंबल ओढ़ाकर तुरंत चारपाई पर लादा, फिर एक किमी पैदल चलकर जंगल से बाहर निकाला। उन्हें ट्रैक्टर से एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया, जहां से उन्हें अस्पताल भेजा गया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि नोडल अधिकारी (रेशम) ललितपुर पहुंचे थे उनके साथ CDO कमलाकांत पांडेय, अपर जिलाधिकारी (ADM) नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी बिरधा, अधिशासी अभियंता जल निगम अवनीश और सचिव शैलेंद्र भ्रमण पर निकले। पहले सभी दशावतार मंदिर के भग्नावशेष देखने गए। इसके बाद वे बौद्ध गुफा की ओर बढ़े। जैसे ही सभी बौद्ध गुफा के पास पहुंचे, अचानक मधुमक्खियों ने उन पर हमला कर दिया। अधिकारी और कर्मचारी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कोई पेड़ के पीछे छिप गया तो कोई मुंह पर हाथ रखकर दौड़ने लगा। कुछ वहीं जमीन पर लेट गए। नोडल अधिकारी रेशम, CDO और ADM ज्यादा दूर नहीं भाग पाए, जिसके चलते मधुमक्खियां उन पर टूट पड़ीं। अर्दली और गनर उन्हें बचाने की कोशिश करते रहे, लेकिन सफल नहीं हो सके। अफसरों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण कंबल ओढ़कर दौड़ते हुए पहुंचे, किसी तरह अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाया। सीडीओ कमलाकांत पांडेय नहीं मिल रहे थे। उन्हें खोजने के लिए कॉल किया गया, लेकिन उनका मोबाइल नहीं उठा। फिर इसकी सूचना वन विभाग और अन्य अधिकारियों को दी गई। थोड़ी देर बाद अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अंकुर श्रीवास्तव और उप जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह मौके पर पहुंचे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. इम्तियाज अहमद
भी अपनी टीम के साथ वहां पहुंच गए।
ग्रामीणों और ADM (राजस्व) अंकुर श्रीवास्तव ने मिलकर CDO की तलाश शुरू की। देखा तो CDO और गनर चंद्रपाल सिंह जमीन पर पड़े थे। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। सीडीओ कमलाकांत पांडेय ने बताया, मैं पहाड़ी से नीचे उतर रहा था। काफी ऊपर मधुमक्खियों के छत्ते लगे हुए थे। अचानक वे हमलावर हो गईं। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, हजारों मधुमक्खियां आ गईं। हम लोगों को जहां भी जगह मिली, छिपने के लिए भागने लगे। कुछ लोग ऊपर पहुंच गए।
मैं और गनर नीचे की ओर चले गए। मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए मैं पेट के बल लेट गया। गनर चंद्रपाल ने मुझे ढंकने का प्रयास किया, लेकिन इसी बीच उसका पैर खिसक गया, वह खिसकते हुए झाड़ियों में पहुंच गया। इसके बाद मैं करीब डेढ़ घंटे तक मधुमक्खियों से बचने लिए संघर्ष करता रहा। फिर बेहोश हो गया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें