दिन में सायरन बजते ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाना है। रात में ब्लैक आउट के दौरान सभी प्रतिष्ठानों, घरों और रोड लाइटें भी बंद रहेगी। इस दौरान लोग घरों में ही रहे।
ब्लैकआउट क्या होता है?
ब्लैकआउट एक सुरक्षा अभ्यास है, जिसमें किसी आपदा, विशेषकर हवाई हमले या युद्ध की आशंका के समय सभी प्रकार की रोशनी को बंद कर दिया जाता है, ताकि दुश्मन किसी रिहायशी या रणनीतिक स्थान की पहचान न कर सके।
ब्लैकआउट की अवधि में पालन किए जाने वाले निर्देश
रात को अलार्म बजने पर अपने घर, प्रतिष्ठान और संस्थानों की सभी लाइटें बंद करें। शहर में अलार्म सायरन लगाए गए हैं।
केवल सरकारी व निजी अस्पताल और आवश्यक आपातकालीन सेवाओं को इस ब्लैकआउट से छूट दी गई है।
खिड़कियां व दरवाज़े बंद रखें, पर्दे या काले कपड़े लगाकर किसी भी प्रकार की रोशनी बाहर न जाने दें।
जनरेटर, सोलर लाइट या अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत भी बंद रखें।
सायरन बजने के संकेत पर तैयार रहें
फायर ब्रिगेड, पुलिस, एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहन अपने सायरन के माध्यम से संकेत देंगे।
रेलवे स्टेशन, मॉल, बाजार एवं सार्वजनिक स्थल भी 15 मिनट के लिए अंधेरे में रहेंगे।

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