शिवपुरी। रहें न रहें हम महका करेंगे....ये गीत के मायने इस खबर में शासकीय सेवा से निवृत होने से जुड़े हुए हैं क्योंकि बहुत कम व्यक्तित्व आज की दुनिया में शासकीय सेवा को समर्पित भाव से जीते हैं और अगर वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं तो वास्तव में रियल हीरो बनकर इस गीत के काबिल हो जाते हैं, यानि कि अब वे सेवा में भले न रहेंगे लेकिन उनके किए गए सदकार्य की खुशबू से महाविद्यालय की शिक्षा की बगिया सदैव महकती रहेगी। हम बात कर रहे हैं शासकीय पीएम एक्सीलेंस कॉलेज शिवपुरी में संस्कृत विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉक्टर मधुलता जैन की जो शनिवार को सेवानिवृत हो गई। 41 साल की शासकीय सेवा में 38 साल लगातार श्रीमंत माधव राव सिंधिया शासकीय प्रधानमंत्री एक्सीलेंस महाविद्यालय शिवपुरी में उन्होंने सेवाएं दीं। खास बात यह है कि उनके नाम लगातार एमए संस्कृत में तीन विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी टॉपर्स बनाने का हैट्रिक शामिल है। साथ ही 6 ऐसे विद्यार्थी रहे, जिन्हें डॉ मधुलता जैन ने पीएचडी की उपाधि भी दिलायी है।
दरअसल पीएम एक्सीलेंस कॉलेज शिवपुरी में 6 नवंबर 1987 को पदस्थ हुई संस्कृत प्रोफेसर डॉ मधुलता जैन ने लंबा समय महाविद्यालय को दिया। उनकी पहली पद स्थापना पिछोर और भांडेर में हुई और इसके बाद सीधे प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज शिवपुरी में 38 साल के उनके लंबे सेवाकाल के दौरान शिवपुरी महाविद्यालय की एमए के तीन छात्रों को उन्होंने लगातार एमए संस्कृत में जीवाजी विश्वविद्यालय का टॉपर्स छात्र देने का हैट्रिक रिकॉर्ड बनाया है जो अभी तक कायम है। उन्होंने छात्रा सरिता राजोरिया, रेखा जैन और रीतेश सोनी तीनों को विश्वविद्यालय टॉपर बनाकर अपनी संस्कृत विषय पर पकड़ की एक अलग पहचान छोड़ी। यही वजह है कि विश्वविद्यालय कुलपति द्वारा उन्हें विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया। उनके साथ अध्यापन कराने वाली प्रोफेसर शिवपुरी से ग्वालियर स्थानांतरित हो गईं, कुछ ने व्हीआरएस ले लिया लेकिन जैसे ही पता चला कि वह सेवानिवृत हो रहीं है तो इस अमूल्य क्षण में शामिल होने के लिए ग्वालियर से हिंदी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर पदमा शर्मा पदरज, पीजी कॉलेज की प्राचार्य रही डॉ प्रोफेसर अनीता जैन, डॉ अंजना और समता इंदौरिया जैसी कई हस्तियां विशेष रूप से शनिवार को पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान शामिल रहीं। कई शिक्षाविदों ने भी उनका सम्मान किया।
डॉ सिकरवार के बाद डॉ मधुलता वह प्रोफेसर जिनसे तीसरी और चौथी पीढ़ी के विद्यार्थी पढ़े
अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ पल्लवी शर्मा गोयल ने कहा कि 1991 से 1996 के दौरान जब मैं महाविद्यालय में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थी। तब फाउंडेशन में संस्कृत विषय का अध्ययन डॉ मधुलता ही कराती थीं। फिर इसी महाविद्यालय में जब अतिथि विद्वान बनकर अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया तो कई सारे अनुभव उनसे जीवन में सीखने मिले। पीएससी फाइट कर जब इसी कॉलेज में अंग्रेजी प्राध्यापक पद पर पदस्थापना हुई, तब भी उनसे बहुत कुछ सीखा। 38 साल की लंबी अवधि में वह महाविद्यालय में चाहे छात्र हो चाहे प्रोफेसर, डॉ सिकरवार के बाद वह ऐसी प्राध्यापक रहीं जो कहतीं थी उसे हर एक अपना गुरु मानता था, यह उनका प्रभाव रहा। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पवन श्रीवास्तव जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष अमित भार्गव सहित कई अन्य की मौजूदगी कार्यक्रम में रहीl

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