ये लिखा है आवेदन में
श्रीमान कलेक्टर साहब,
ये मामला शासकीय आईटीआई पोहरी में मुझ ललित कुशवाह को चपरासी चौकीदार के पद पर आउटसोर्स के माध्यम से फर्जी भर्ती करने का है। नरेश नरवरिया आई टी आई पोहरी में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ हैं जो कि शासकीय आई टी आई के प्राचार्य कक्ष में मुझ गरीब आदमी ललित कुशवाह को चौकीदार एवं चपरासी बनाने एवं आगे चलकर परमानेंट करने के एवज में ललित कुशवाह से 30,000/- हजार रुपए लेने की बात तय की थी जिसमें ललित ने अपने पिता की के साथ नरेश नरवरिया के हाथों में 20000/- रुपए दिए। इसका video भी मौजूद है और जैसा कि देते हुए वीडियो में साफ दिख रहा हैं। जब ललित पूरे पैसे वादे के मुताबिक 30000/- रूपये नहीं दे पाया तो उसको वहां से धक्का देकर नरेश भगाते दिखाई दे रहे है। उन्होंने कहा कि बाकी का पैसा मै क्या अपनी जेब से मिलाउंगा अगर नहीं है तो मैं हटा दूंगा देना है तो पूरे पैसे दो ये कोई मेरी जेब मे थोड़ी जा रहे हैं नहीं है इच्छा तो कोई बात नहीं। इस बात से डरकर ललित ने कहा कि हम शेष 10000 /- रुपए सुबह दे देंगे तब लास्ट में उसने ₹20000 रख लिए हैं। कलेक्टर साहब, ऐसा ही सिलसिला काफी समय से चल रहा है पोहरी के गरीब तमाम युवाओं को चपरासी चौकीदार परमानेंट बनाने के नाम पर काफी पैसा एठा जा रहा है चौकीदार चपरासियों को तीन-तीन चार-चार महीने रखकर भगा दिया जाता है। साथ ही विश्वनीय सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है कि प्रभारी प्राचार्य नरेश नरवरिया की वर्तमान में खुद की निजी दो आई टी आई भी संचालित हैं जिसमें एक मुरैना जिले में न्यू मॉडर्न प्राइवेट आईटीआई के नाम से और दूसरी ग्वालियर में संचालित है! मॉडर्न प्राइवेट आईटीआई के नाम से है। नरेश नरवरिया विगत 6 साल से पोहरी आई टी आई में ही पदस्थ है। गवर्नमेंट इनको सैलरी गवर्नमेंट आईटीआई में काम करने की दे रही है लेकिन यह हर साल पोहरी क्षेत्र के बच्चों को पास कराने का लालच देकर अपनी निजी आई टी आई की शीटें भर कर एडमिशन करता है!

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