शिवपुरी। सामाजिक कुरीतियों को मिटाने में शौर्यादल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। बाल विवाह, बाल मजदूरी, घरेलू हिंसा, बाल यौन शोषण जैसी घटनाओं को रोकने में शौर्यादल मदद कर सकते है। प्रशासनिक स्तर से दल को आवश्यक मदद की जाएगी। कई जगह शौर्यादल सदस्यों ने अपने गांव में शराबबंदी कराई है। आप लोग भी कुछ ऐसा करें, जिससे समाज को सही दिशा मिल सके। यह बात जिला कार्यक्रम अधिकारी डीएस जादौन ने शौर्यादल के मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।
दरअसल महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों एवं शहरी वार्डो में शौर्यादल का गठन किया है,जिसमें 15 वर्ष से 45 वर्ष की 10 से अधिक किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को शामिल किया है। इन महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को अपने क्षेत्र में सामाजिक कुरीतियों को मिटाने तथा महिलाओं और बच्चों के लिए अनुकूल वातावरण निर्माण के लिए विभाग द्वारा बीते रोज न्यू ब्लॉक में मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें जिले के सभी विकासखंडों से 5- 5 मास्टर ट्रेनर को ट्रेनिंग दी गईं।
बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी देते हुए बताया कि पहले तो लोगों को बाल लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों से परिचित कराना है, यदि लोग नहीं मानें तो पुलिस और प्रशासन को सूचित कर सहयोग प्राप्त कर सकते है। अधिकारी शर्मा ने बच्चों के नशे की ओर बढ़ते कदमों को रोकने के लिए काम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये बताया कि ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें नशे के दुष्प्रभाव बताकर दूर रहने के लिए प्रेरित कर सकते है।
सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश जैन ने घरेलू हिंसा रोकथाम में वन स्टॉप सेंटर की भूमिका की जानकारी दी। ममता संस्था की समन्वयक कल्पना रायजादा ने लैंगिक भेदभाव को मिटाने के संबंध में जानकारी दी। पर्यवेक्षक मंजू धाकड़ ने सुरक्षित स्पर्श एवं असुरक्षित स्पर्श के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण पश्चात सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के प्रमाणपत्र प्रदान किये गये।

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