भौंती। गहोई समाज के गौरव राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की 193 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। नवयुवक मंडल गहोई समाज द्वारा आयोजित इस समारोह में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी रही। गहोई धर्मशाला में पूर्व शिक्षक महेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में समारोह का आयोजन किया गया । समारोह में पूज्य मैथिली शरण गुप्त की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । स्थानीय गहोई वैश्य समाज के पदाधिकारियों, महिला मंडल पदाधिकारी और नव युवक मण्डल द्वारा माल्यार्पण किया गया । समारोह में वक्ताओं द्वारा मैथिली शरण गुप्त जी के साहित्य पर अपने विचार रखें कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महेश शर्मा ने कहा गुप्त जी की वह लाइन हमेशा याद रहती हैं चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही है जलथल में स्वच्छ चांदनी चमक रही है अवनी और अंबर तल में । हिंदी के साहित्य में खड़ी बोली को अपनाने वाले राष्ट्रकवि ने न केवल समाज धर्म और राष्ट्र प्रेम के प्रति अपना कर्तव्य कानिर्वहन किया है बल्कि महिला जागृति और प्रकृति चित्रण भी बखूबी किया है उनकी कविताओं से देश में जो राष्ट्र प्रेम की जागृति आई थी उसका हमारे देश केस्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान रहा है राष्ट्रकवि की भारत भारती जहां राष्ट्र प्रेम का संदेश देती है वही साकेत भगवान लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला को एक महान नारी बनाने में अपना योगदान देती है। यशोधरा महिलाओं का समर्पण और त्याग की कथा सुनाती है । हम ऐसे राष्ट्रकवि के लिए नमन करते हैं और उनके बताएं रास्ते पर चलने का संदेश देते है ।समारोह से पूर्व नवयुवक मंडल द्वारा आयोजित रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही महिलाएं सभी पिंक कलर की साड़ियों मे थी तो पुरुष वर्ग सफेद कपड़े पहनकर के रैली में शामिल हुए । नवयुवक मंडल ने राष्ट्रगीत पर नृत्य किया और बड़ी संख्या में उत्साह और उमंग उल्लास के साथ गुप्त जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया ।
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