Responsive Ad Slot

Latest

latest

#धमाका_बड़ी_खबर: इंदौर: जिला न्यायालय ने पत्रकार पर हमले के मामले में 5 वकीलों को सुनाई सजा, 90 वर्षीय वृद्ध आरोपी वकील को 3 साल की जेल, 4 को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास, 15 साल चला केस

गुरुवार, 28 अगस्त 2025

/ by Vipin Shukla Mama
इंदौर। जिला कोर्ट ने उज्जैन कोर्ट परिसर में पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले के मामले में पांच वकीलों दोषी ठहराया. यह केस 15 साल पुराना है और इसमे पांच वकीलों को एक साथ सजा सुनाई गई. इंदौर जिला अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पांच वकीलों को पत्रकार पर हमले के मामले में दोषी ठहराया. यह मामला 2009 में उज्जैन कोर्ट परिसर में वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम पटेल पर हुए हमले से जुड़ा है, जिसमें इतने साल बाद न्याय मिला. इंदौर (Indore) की जिला कोर्ट (District Court) के सत्र न्यायाधीश ने आज ये एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जिसमें पांच वकीलों (Lawyers) को कोर्ट ने गंभीर धाराओं में दोषी पाया है. चार वकीलों को सात-सात साल के सश्रम कारावास व एक 90 वर्ष के बुजुर्ग वकील को 3 साल की सजा सुनाई है. यह पहला मामला है जब एक साथ पांच वकीलों को जिला कोर्ट से सजा सुनाई गई है. एडवोकेट अशोक कुमार शर्मा और वरिष्ठ अभिभाषक गगन बजाड़ ने बताया कि धर्मेंद्र शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, भवेंद्र शर्मा एवं पुरुषोत्तम राय सहित 90 वर्षीय सुरेंद्र शर्मा पर 2009 में उज्जैन की जिला कोर्ट परिसर में जानलेवा हमले का आरोप है. मामले में आरोपियों पर धारा 307/34 के तहत केस दर्ज किया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीकृष्ण डागलिया की कोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाया. सभी को 10-10 हजार रुपए के सश्रम कारावास से भी दंडित किया है. एडवोकेट अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी धर्मेंद्र व शैलेंद्र सुरेंद्र शर्मा के बेटे हैं. जबकि आरोपी भवेंद्र शर्मा व पुरुषोत्तम राय इनके जूनियर थे. इस संबंध में अधिवक्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में घटनाक्रम की जानकारी दी. इस दौरान वरिष्ठ अभिभाषक राजेंद्र समदानी, वरिष्ठ अभिभाषक राहुल विजयवर्गीय, अभिभाषक कनिष्क शर्मा एवं अभिभाषक विजय गोविन्दानी भी मौजूद थे. घटना 10 फरवरी 2009 की है. धर्मेंद्र शर्मा और उसके भाई ने उनके खिलाफ चल रहे एक मामले में पत्रकार घनश्याम पटेल जब गवाही देने आए थे तब सभी ने न्यायालय परिसर में जान से मारने की धमकी दी थी. इस घटना की रिपोर्ट पटेल ने उज्जैन में दर्ज कराई थी. इसके एक दिन बार फिर से जब पटेल कोर्ट पहुंचे तो पांचों आरोपियों ने एक साथ उन पर कुर्सी, लाठी, छड़ व डंडे से जानलेवा हमला किया. उसी समय पटेल की रिवॉल्वर, चेन व घड़ी भी लूटी गई. हमले में घायल वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम पटेल 3 दिन उज्जैन के संजीवनी अस्पताल एवं बाद में इंदौर के गोकुलदास अस्पताल में 15 दिनों तक भर्ती रहे.
हाई कोर्ट ने ट्रांसफर कर दिया था केस
पांचों आरोपी अधिवक्ता भी हैं इसलिए उनका दबदबा भी था. इसलिए हाई कोर्र्ट ने इस मामले को इंदौर कोर्ट में ट्रांसफर किया. लेकिन यहां भी पटेल गवाही न दे सकें इसलिए उन्हें पांचों आरोपियों ने परेशान किया. उज्जैन में चली कुछ समय तक सुनवाई के दौरान भी आरोपी वकील जजों के ट्रांसफर की एप्लिकेशन लगाते थे.
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद हुई सुनवाई
एडवोकेट बजाड़ ने बताया कि धर्मेंद्र शर्मा के खिलाफ चल रहे आपसी विवाद के केस में घनश्याम पटेल फरियादी थे. उस केस में पटेल की गवाही चल रही थी. धर्मेंद्र शर्मा की सनद निरस्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट ने छह माह में इस मामले में फैसला लेने का आदेश दिया था. इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत की गई. इसके चलते धर्मेंद्र शर्मा के जेल में रहते सनद निरस्त हुई थी. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी रखा जाएगा ताकि आरोपी किसी तरह का लाभ नहीं ले सकें.


कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129