इस साल 21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होने वाला है, लेकिन भारत में वह दिखाई नहीं देगा।
ग्रहण की शुरुआत भारतीय समयानुसार रात 10:59 बजे होगी और समाप्ति सुबह 03:23 बजे
यह ग्रहण आंशिक होने वाला है
भारत में यह दिखाई नहीं देगा, इसलिए वहाँ सूतक काल लागू नहीं होगा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात को लगेगा। इसी दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है। भारतीय समयानुसार, ग्रहण रात में 10 बजकर 59 मिनट से मध्यरात्रि 3 बजकर 23 मिनट तक का समय है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। बता दें कि साल का अंतिम ग्रहण कन्या राशि में लगेगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है। ऐसे में भारतीय समय अनुसार, सुबह में 10 बजकर 59 मिनट पर ग्रहण का सूतक काल आरंभ हो जाएगा। साथ ही यह खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा जिसमें सूर्य का कुछ ही हिस्सा ढक जाता है। इसे आंशिक सूर्यग्रहण कहा जाता है।
डॉ विकासदीप शर्मा
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपूरी
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धार्मिक/पंचांग की मान्यताएँ एवं प्रभावसर्वपितृ अमावस्या के दिन, श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि धार्मिक कर्म किए जाते हैं। लेकिन ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा, इसलिए धार्मिक लेखों में कहा गया है कि वहाँ इन कर्मों पर ग्रहण का विशेष “रोक-टोक” या “सूतक प्रभाव” नहीं होगा।
भारत में सूर्यग्रहण अदृश्य है इसलिए इसका प्रभाव भी यहां नहीं होंगा तो श्राद्ध और तर्पण आदि का कार्य आप सामान्य रूप से कर सकते हैं।
🌑 सर्वपितृ अमावस्या + सूर्यग्रहण 2025
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