सीबीआई ने यह कार्रवाई स्थानीय पुलिस के सहयोग से गुना-बदरवास रोड से की, हालांकि, सूत्रों का कहना है कि मावई ने बदरवास थाने में सरेंडर किया है, जिसे सीबीआई गिरफ्तारी बता रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 8 अक्टूबर तक हर हाल में मावई को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे।(देखिए video सीबीआई के कब्जे में आरोपी)
मामला 15 जुलाई 2024 का है, जब बीलाखेड़ी गांव के रहने वाले देवा पारदी (25) की बारात गुना जानी थी। शादी से ठीक एक दिन पहले, 14 जुलाई की शाम को म्याना थाना पुलिस ने देवा और उसके चाचा गंगाराम को एक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए उठाया था। इसके कुछ घंटों बाद ही परिवार को खबर मिली कि पुलिस कस्टडी में देवा की मौत हो गई है। देवा की मौत की खबर मिलते ही पारदी महिलाएं जिला अस्पताल पहुंच गईं और जमकर हंगामा किया। इस दौरान मृतक की चाची और उसकी होने वाली दुल्हन ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की। इसके बाद महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया और दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।
मामला 15 जुलाई 2024 का है, जब बीलाखेड़ी गांव के रहने वाले देवा पारदी (25) की बारात गुना जानी थी। शादी से ठीक एक दिन पहले, 14 जुलाई की शाम को म्याना थाना पुलिस ने देवा और उसके चाचा गंगाराम को एक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए उठाया था। इसके कुछ घंटों बाद ही परिवार को खबर मिली कि पुलिस कस्टडी में देवा की मौत हो गई है। देवा की मौत की खबर मिलते ही पारदी महिलाएं जिला अस्पताल पहुंच गईं और जमकर हंगामा किया। इस दौरान मृतक की चाची और उसकी होने वाली दुल्हन ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की। इसके बाद महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया और दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।
मजिस्ट्रियल जांच में हुआ प्रताड़ना का खुलासा
मजिस्ट्रियल जांच में यह साफ हो गया था कि देवा पारदी की मौत पुलिस हिरासत में मारपीट और प्रताड़ना के कारण संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। इसके बाद 5 सितंबर 2024 को म्याना थाने में "तीन फूल और अन्य पुलिसकर्मी" के नाम से अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई थी सख्ती
बाद में जांच के दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी संजीत मावई, उमरी चौकी प्रभारी उत्तम सिंह कुशवाह और देवराज सिंह परिहार के नाम सामने आए थे। देवा की मां हंसुरा बाई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया था। 15 मई को कोर्ट ने सीबीआई को एक महीने में आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। कार्रवाई न होने पर कोर्ट ने सीबीआई को 8 अक्टूबर तक की फाइनल डेडलाइन दी थी, जिसके पहले ही मावई को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी मामले में दरोगा उत्तम सिंह कुशवाह पहले ही गिरफ्तार होकर इंदौर जेल में बंद है।














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