* संयुक्त परिवारों को आमंत्रित कर किया जाएगा सम्मानित
शिवपुरी। विद्या भारती मध्यभारत प्रान्त द्वारा आयोजित सप्तशक्ति संगम कार्यशाला के उपलक्ष्य में आज सरस्वती विद्यापीठ फतेहपुर पर प्रेसवार्ता आयोजित की गई। जिसमें महिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुगंधा शर्मा ने संबोधित करते हुृए कहा कि इस कार्यक्रम का नाम सप्तशक्ति संगम क्यों रखा गया है जिस पर बताया कि गीता के 10 वें अध्याय के 34 वे श्लोक में कहा गया है कि कीर्ति (यश या ख्याति) श्री (समृद्धि या सौभाग्य) वाक् (वाणी या भाषा) स्मृति (याददाशत) मेधा (बुद्धि या समक्ष) धृति (धैर्य या सहन शीलता) क्षमा (माफी या सहनशीलता) तो अपनी जो केन्द्रीय टोली ने निर्धारित किया कि इस बार सप्तशक्यिों का संगम करते हैं तो इस कार्यक्रम की ऐसी रूप रेखा बनी हुई है।
श्रीमती नम्रता सेंगर सप्तम शक्ति संगम की प्रभारी ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को सशख्त बनाने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा हैं जिसमें पूरे देश में 30 हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किऐ जाऐंगे। इसी कड़ी में शिवपुरी के एक दर्जन से अधिक संस्कार केन्द्रों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नारी शक्ति को सशक्त करने के उद्देश्य ये यह अभियान चला जा रहा है। देश में विद्यालय केंद्रित ये कार्यक्रम होंगे ये नही हैं कि विद्या भारती में हजारों छात्रों की संख्या वाले बड़े बड़े विद्यालय चलते है जो हमारे लिए उदाहरण है तो ऐसे संयुक्त परिवारों को वहां आमंत्रित करके उनके सबके समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करना है और उन्हें वहां पर सम्मानित भी किया जाएगा।हम लोकल फोर वोकल की बात करते है। जो बहिने इन कार्यों को कर रही है उन बहिनों को वहां खडा करने सम्मानित करना हमारा मुख्य उद्देश्य हैं, अपने देश में 22 हजार विद्यालय संचालित है। तो अनुमान हमने अभी तक जो ऑनलाईन ऑफलाइन बैठकों से अपना जो आंकड़ा आया है वह, देश में 30 हजार ये कार्यक्रम संम्पन होंगे। 03 अक्टूबर से ये कार्यक्रम प्रारम्भ हो चुके हैं और 23 जनवरी तक यह कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। साथ में पूरे देश के दो विद्यालय एक ग्रामीण व एक नगरीय शोध के लिये चुने गये है। उनके रिसर्च शुरू करेंगे और कार्यक्रमों के बाद जो परिणाम निकलकर आयेगा। बहुत ही अच्छा परिणाम मिल सकेगा।












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