महिला की पहचान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गोवर्धन गांव की रहने वाली काजल के रूप में की गई। काजल गिरफ्तारी से बचने के लिए एक साल से ठिकाने बदल कर पुलिस को चकमा दे रही थी। यह अपने परिवार के साथ मिलकर शादी के नाम पर युवकों को ठगने का काम करती थी।मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल और तकनीकी मदद से सीकर पुलिस गुरुग्राम पहुंची। सरस्वती एन्क्लेव की गली नंबर दो के एक मकान से उसे गिरफ्तार किया गया। वह अंकित नाम के व्यक्ति के घर में किराये पर रहती थी। पुलिस के मुताबिक मामले की जांच करते हुए काजल के पिता भगत सिंह, मां सरोज देवी, बहन तमन्ना और भाई सूरज को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। पुलिस के अनुसार 26 नवंबर 2024 को सीकर जिले के दांतारामगढ़ थाने में ताराचंद जाट ने शिकायत दर्ज कराई थी।
दो बेटों की शादी के लिए हुई मुलाकात
ताराचंद ने बताया था कि उनकी मुलाकात जयपुर में भगत सिंह नाम के व्यक्ति से हुई थी। भगत सिंह ने ताराचंद को उनके दो बेटों भंवर लाल और शंकर लाल की शादी के लिए अपनी बेटियों काजल और तमन्ना से रिश्ता तय करने का प्रस्ताव दिया। भगत सिंह ने शादी की तैयारियों के नाम पर ताराचंद से 11 लाख रुपये ले लिए थे। शादी के बाद दो दिन तक भगत सिंह का परिवार ताराचंद के साथ रहा। तीसरे दिन गहने, कपड़े और नकदी लेकर फरार हो गया। पकड़े गए आरोपितों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह परिवार संगठित रूप से ठगी का धंधा चला रहा था।कई और मामलों की भी जानकारी मिली है।















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