याची की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जब वह मात्र 9 साल की थी, तब उसे वैश्यावृत्ति में धकेल दिया गया। जैसे-तैसे इस दलदल से बाहर निकली और बैंगलुरु में जाकर काम करने लगी। लोगों के घरों में काम कर उसने कुछ पैसे कमाए और उससे कुछ सोना खरीदा। याचिका में याची द्वारा शिवपुरी में एक मकान खरीदने का भी दावा किया गया। मीना, गुड्डी, तनुजा, वर्षा, पवन, अविनाश धनावत व अन्य पर याचिका में मानव तस्करी, देह व्यापार के लिए बच्चियों की खरीद-फरोख्त करने का लगाया गया। ये भी बताया कि आरोपियों के संबंध में आईजी, डीआईजी ग्वालियर रेंज के साथ ही एसपी शिवपुरी, थाना प्रभारी देहात व राष्ट्रीय महिला आयोग सहित अन्य से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 2023 में इन आरोपियों ने उसका पता लगा लिया और धमकाकर उसे वापस बुलाया। ना केवल उसका सोना, बल्कि उसका मकान भी हड़प लिया।















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