कचरा फेंकने गई एक आंगनबाड़ी सहायिका को गाय ने निशाना बनाते हुए उस पर अटैक कर दिया। उसने सींग मारा जो महिला के पेट में जा लगा जिससे महिला का पेट फट गया। उसे आनन फानन में मेडिकल कॉलेज लेकर भागे जहां ऑपरेशन के दौरान चालीस टांके आए हैं। कुल मिलाकर नगर पालिका की लापरवाही फिर नगर के लोगों पर भारी पड़ी है। शहर की हर गली, सड़क पर मवेशियों के जमघट दिखाई देते हैं लेकिन नपा के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को नजर नहीं आते। इधर अध्यक्ष और पार्षद विकास भूल आपस में उलझे हुए हैं उन्हें नगर के जनहित के कार्यों से कोई सरोकार नहीं है।
कचरा फेंकने गई थी आंगनवाड़ी सहायिका पेट में आए 40 टांके
शहरी इलाके की ये घटना गुरुवार सुबह की है जब आवारा गाय के हमले में आंगनवाड़ी सहायिका आशा सक्सेना गंभीर रूप से घायल हो गईं। घर से कचरा फेंकने निकली आशा के पेट में गाय के सींग लगने से गहरा घाव हो गया, जिसके बाद डॉक्टरों ने 40 टांके लगाए हैं। उनकी हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है और उन्हें मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में भर्ती किया गया है।
घटना कान्हा कुंज स्थित पाराशर डुप्लेक्स के पास हुई, जहां नगरपालिका का अस्थायी कचरा डंपिंग पॉइंट मौजूद है। कचरा फेंकते समय वहां खड़ी गायों में से एक अचानक उन पर टूट पड़ी और उन्हें उछालकर जमीन पर गिरा दिया। तेज चीख-पुकार सुनकर परिजन और आसपास के लोग तत्काल मौके पर पहुंचे और उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
गैंग की तर्ज पर हर दिन मौजूद रहते है मवेशी
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस डंपिंग पॉइंट पर अक्सर आवारा मवेशियों का जमघट रहता है, वे गैंग बनाकर खड़े रहते हैं। नपा को उन्हें पकड़ना चाहिए लेकिन कोई ध्यान नहीं देता।















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