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#धमाका_डिफरेंट_खबर: शेम शेम, शहर के मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र मयंक के हाथ की नस कटने की सूचना पर कवरेज करने पहुंचे मीडिया साथियों पर जूड़ा डॉक्टरों ने अभद्रता कर मारपीट की कोशिश की, कैमरे छीने जाने के साथ साथ माइक आईडी तक कब्जे में ले ली, जब मौके पर मौजूद पुलिस ने मीडिया साथियों की रक्षा करनी चाही तो उन्होंने पुलिस को भी नहीं बक्शा, करीब एक घंटे तक मेडिकल कॉलेज कैंपस अखाड़ा बना रहा और छात्र अराजकता पर उतारू रहे video

शनिवार, 20 दिसंबर 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। शहर के मेडिकल कॉलेज में आज शनिवार को एक अध्ययनरत छात्र मयंक निवासी भोपाल के हाथ की नस कटने की सूचना पर कवरेज करने पहुंचे मीडिया साथियों पर जूड़ा डॉक्टरों ने अभद्रता कर मारपीट की कोशिश की, कैमरे छीने जाने के साथ साथ माइक आईडी तक कब्जे में ले ली गई। यहां तक कि जब मौके पर मौजूद पुलिस ने मीडिया साथियों की रक्षा करनी चाही तो उन्होंने पुलिस को भी नहीं बक्शा। करीब एक घंटे तक मेडिकल कॉलेज कैंपस अखाड़ा बना रहा और छात्र अराजकता पर उतारू रहे। पुलिस ने मुश्किल से मीडिया को मौके से सुरक्षित बाहर निकाला। दरअसल ये पूरा मामला नस कटने वाले मामले को दबाने की कोशिश में घटित हुआ जान पड़ा क्योंकि कोई और वजह नहीं थी जिसके चलते मीडिया की घेराबंदी कर डाली गई। मयंक की न सिर्फ हाथ की नस कटी है बल्कि गले में भी निशान मिलने की बात सामने आई है, और इसके पीछे क्या वजह रही, नस किन हालात में कटी ये फिलहाल ज्ञात नहीं हो सका है। दरअसल जैसे ही मीडिया मौके पर पहुंची तभी से विरोध के स्वर बुलंद होने लगे थे। बकौल हमारे जांबाज मीडिया साथी देबू समाधियां "जब उन्होंने डॉक्टर का पहला वीडियो बनाया तो धमकी दी कि वीडियो नहीं बनना चाहिए..., इसके बाद अस्पताल चौकी में वीडियो चेक करने के नाम पर डिलीट किये गए, इस षड्यंत्र में मेडिकल कॉलेज का स्टाफ भी शामिल रहा। बाद में अन्य साथियों के साथ हाथपाई की और माइक आईडी तक छीन ली गई।" अगर आज मीडिया भी एकत्रित होकर बदले की कारवाई करती तो बड़ा हंगामा खड़ा होता। इधर घटना से आहत पत्रकार साथी कोतवाली पर एकत्रित होकर घटना की तीखी निंदा करते नजर आए। उनका कहना था कि शिवपुरी में पहली बार मीडिया पर हमले की कोशिश हुई है, जो मेडिकल कॉलेज में कानून को ताक पर रखने के संकेत दे रही है। यहां सब कुछ ठीकठाक नहीं होने की बात दबी जुबान से स्टाफ ने कही।
                 (देखिए vairal video)
आइए जानिए मयंक की इनसाइड स्टोरी
जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र मयंक अपने कमरे में गंभीर रूप से घायल मिला। उसके साथी छात्र उसे तत्काल उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र कॉलेज परिसर में एकत्र हो गए। उसके हाथ की नस कटी होने और गले में निशान की बात सामने आई है। यही वो मामला है जिस पर परदेदारी के चलते आम इंसान की जान बचाने की पढ़ाई कर रहे छात्र हिंसक होकर मीडिया साथियों की जान लेने पर तुल बैठे थे। 
मीडिया नहीं करेगी कवरेज
मीडिया मेडिकल कॉलेज की पोल खोलती खबरों के अलावा मक्खन वाली खबरों का प्रकाशन नहीं करेगी। जब तक मेडिकल कॉलेज के डीन सार्वजनिक रूप से मीडिया से माफी नहीं मांगते तब तक विरोध जारी रहेगा। 
सोमवार को ज्ञापन देंगे पत्रकार संगठन
मीडिया को हल्के में लेने की भूल करने वाले बाहरी युवकों के विरोध में कलेक्ट्रेट पर सोमवार दोपहर एक बजे मीडिया साथी कलेक्टर एसपी की ज्ञापन देंगे। ये ज्ञापन मीडिया साथियों के विभिन्न संगठनों के साथ जिले भर के पत्रकार देंगे।
कोतवाली पर कथा से कम पड़ गये पत्रकार! 
आज कोतवाली पर मीडिया साथियों की उपस्थिति कम नजर आई जबकि बागेश्वर कथा में चार सौ के आसपास पत्रकार मौजूद रहते थे। मीडिया साथियों ने कहा कि अगर पूरे साथी मौजूद होते तो हम भी ठीक से इलाज करना जानते हैं!
सिंधिया निष्ट वीरेंद्र शिवहरे ने खोली पोल
सिंधिया निष्ट पूर्व पार्षद वीरेंद्र शिवहरे ने साफ कहा कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की जगह स्टूडेंट कर रहे हैं मरीजो का इलाज   मेडिकल कॉलेज में इसीलिए मीडिया को रोका जाता है। उन्होंने कहा कि मीडिया से अभद्रता करने वालो पर किया जाना चाहिए प्रकरण दर्ज। इधर देबू ने कहा कि 
शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में इंटर्न डॉक्टर से पूर्व मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एक नर्स भी कर चुकी है आत्महत्या का प्रयास....आखिर ऐसा क्यों, बार-बार क्यों हो रहीं आत्महत्या की कोशिशें...??? कठघरे में प्रबंधन....










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