डबरा। डबरा- भितरवार मार्ग स्थित धूमेस्वर महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि के मौके पर ऐसी भीड़ उमड़ी की जाम के हालात निर्मित हो गए। आज यहां सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दर्शन करने पहुंचे थे। बता दें कि डबरा से 27 जबकि भितरवार से करीब 12 किलोमीटर दूर सिंध-पार्वती नदी के संगम स्थल पर बसे ऐतिहासिक ग्राम पंवाया में प्राचीन शिव मंदिर है जिसे लोग धूमेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जानते हैं। सिंध नदी का पानी झरने से नीचे गिरता है, जिससे धुआं सा उठता है इसलिए इस मंदिर को धूमेश्वर महादेव मंदिर कहा जाता है। हमारी टीम के सदस्य निर्भय गौड़ आज जब यहां दर्शन करने पहुंचे तो जो जानकारी मिली उसके अनुसार मंदिर में महा शिवरात्रि पर्व के दौरान विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते है। वहीं मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव के दर्शन करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। मंदिर में स्थित भगवान शिव की पिंडी पर हरदिन सुबह अपने आप जल चढ़ा मिलता है, पिंडी पर जल कौन चढ़ाता है यह ज्ञात नहीं। यह स्थान महाकवि भवभूति की कर्मस्थली रही है और यहां पर आज भी भवभूति के समय का नाट्य रंगमंच बना हुआ है। मंदिर का इतिहास है कि यह मंदिर पहले नाग वंशीय शासकों द्वारा बनवाया गया था। वहीं नरबलि के लिए यह प्रसिद्ध काल प्रिय मंदिर हुआ करता था, जिसे मुगल शासकों ने नष्ट कर दिया था। बाद में मुगल शासकों को इस बात की जानकारी नहीं लगे इस लिए ओरछा नरेश वीरसिंह जूदेव ने (ई. सन् 1605-1627) में रातों रात मंदिर का निर्माण कराया था। उसके बाद में ई सन् (1936-37) में ग्वालियर नरेश महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के राजकाल में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। यहाँ सूरज की पहली किरण भी पिंडी पर पड़ती है। कई अन्य बातें भी मन्दिर को ख़ास बनाती हैं।

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