नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने मध्य प्रदेश की डायल 100 में पकड़ी कई अनियमितताएं
भोपाल। मध्यप्रदेश की विधानसभा में बीते रोज भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक केग ने मध्य प्रदेश पुलिस की डायल 100 यानी आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा में अनियमितताओं को लेकर रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि लेखा परीक्षा अवधि के दौरान इसके उद्देश्य की पूर्ति नहीं हुई। डायल 100 में औसत प्रतिक्रिया समय शहरी क्षेत्रों में 24 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 56 मिनट था। केग ने देखा कि जघन्य अपराध जैसे दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, अपहरण, घरेलू हिंसा इत्यादि में भी वाहनों के परीक्षण एवं आवागमन में विलंब हुआ। अवधि 2016 - 19 की ऑडिट रिपोर्ट में संकटकालीन कॉल के प्रतिक्रिया समय में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं मिला। इस देरी ने संकटकालीन कॉल के लिए तुरंत प्रकृति प्रतिक्रिया प्रदान करने के डायल 100 प्रणाली के उद्देश्य को विफल किया। गृह विभाग ने पुनरुत्थान प्रणाली को चलाने के लिए वार्षिक रूप से औसतन 104 करोड़ खर्च किए। हमने पाया कि केंद्रीकरण के बावजूद सृजित डाटा की गुणवत्ता प्रभावी निगरानी के लिए अपने आप में उपयुक्त नहीं थी। प्रणाली में किए गए प्रत्येक 100 कॉल में से मात्र 20 को कार्रवाई योग्य के रूप में वर्गीकृत किया गया था और इन कार्रवाई योग्य कॉल में से मात्र 2 में प्रथम रिस्पांस भी वाहन के प्रेषण के समर्थन में वैद्य डेटा था। परियोजना संबंध सलाहकार जिसे रुपए 72 लाख वार्षिक की लागत से अनुबंधित किया है उसने भी यह सुनिश्चित नहीं किया कि सिस्टम इंटीग्रेटर द्वारा दी गई सेवा स्तरों की निगरानी के लिए पूर्ण एवं उपयोगी डाटा सृजित किया गया। केग की रिपोर्ट कहती है कि पुनरुत्थान की गई प्रणाली को फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल में लगे तकनीकी उपकरणों के उपयोग से लाभान्वित करना था। जैसे मोबाइल, डाटा टर्मिनल जो या तो लगे हुए नहीं थे या क्रियाशील नहीं थे और जब क्रियाशील थे तो पुलिसकर्मियों ने डेटा को अपेक्षित क्रम में दर्ज नहीं किया। केग के अनुसार पुलिस कर्मी भी निगरानी में सोचते थे और जैसा प्रणाली में अपेक्षित था उन्होंने प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से या तो वह पर्यवेक्षण नियंत्रण का उपयोग नहीं किया या प्रणाली में आवश्यकतानुसार ऑनसाइट ड्यूटी नहीं दी। विभाग ने अपनी ओर से कुछ जिलों में अधिशेष जनशक्ति के बावजूद फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल में पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी भी उपलब्ध नहीं कराए।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें