Kuno कूनो। कूनो पालपुर अभयारण्य में 16 अक्टूबर से पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो रही है। इसके पहले नामीबिया से आकर भारत के मेहमान बने चीते अब फेमलियर होते जा रहे हैं।
देश के शेर पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 चीते कूनो के बाड़े में छोड़े थे जो अब पूरी तरह स्वस्थ और तनाव रहित हैं। उछल कूद, दौड़ने से लेकर दूसरी भरपूर भोजन कर रहे हैं। कूनो में 18 दिन से कोरनटाइन हैं लेकिन अब उन्हें 16 अक्टूबर को बड़े बाड़े में छोड़ने की तैयारी है।
कूनो के डीएफओ प्रकाश वर्मा ने बताया कि चीतों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। 16 अक्टूबर को इन्हें बड़े बाड़े में शिफ्ट करने की तैयारियां पूरी हो गई है। बता दें की जब इन्हें छोटे बाड़े से बड़े इलाके में छोड़ा जाएगा तब शिकारियों से सुरक्षा करने के लिए 6 जर्मन शेफर्ड कुत्तों को तैनात किया जाएगा। इनको हरियाणा आईटीबीपी के जवानों द्वारा विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इस नस्ल के कुत्तों की सुनने की क्षमता बेहद खास होती है, यह शिकारियों की कूनो में आवाजाही रोकने के लिए कारगर साबित होंगे क्योंकि जब भी शिकारियों का मूवमेंट होगा तो यह सुनकर उनका पता लगा लेंगे। कूनो में अफ्रीका से जल्द ही 12 चीते और लाने की तैयारियां भी की जा रही हैं।
फिलहाल डॉ. जितेंद्र जाटव, डॉ. ओमकार और नामीबिया से बुलाए गए चीता एक्सपर्ट वाट इनकी निगरानी करते हैं। चीतों के बाड़े के आसपास किसी को नहीं आने दिया जा रहा है। बाड़े में चारों तरफ लगाए गए ग्रीन नेट में छिपकर टीम तबीयत से जुड़े पहलुओं की जांच करती है। ये सभी चीतों की मॉनिटरिंग के लिए बाइनाकूलर का इस्तेमाल करते हैं। चीतों की हर गतिविधि को देखकर उनके स्वास्थ्य का आंकलन करते हैं। चीता के व्यवहार, खाने, पीने से लेकर नींद लेने तक की निगरानी यह टीम करती है। रेडियो कॉलर से चीतों की महज लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। यह इतना हाईटेक है कि सैटेलाइट और वन विभाग के स्पेशल नेटवर्क से इसे कई किलोमीटर की दूरी पर होने की स्थिति में भी तत्काल ट्रेस किया जा सकता है। सीसीटीवी कैमरों से भी चीतों पर निगरानी रखी जा रही है। बाड़ों के पास वॉच टावर बनाए गए हैं। जिन पर रात के समय दो सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाता है। यह सुरक्षाकर्मी रात भर चीजों की निगरानी करते हैं।

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