बता दें की पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते छोड़े थे। बाद में 12 और लाए गए। इससे संख्या 20 तक जा पहुंची। पिछले डेढ़ महीने में कूनो नेशनल पार्क में 3 चीतों की मौत हो चुकी है। अब 17 चीते दक्षिण अफ्रीका के शेष हैं जिन्हें सैलानी जिंदा देख पाते उसके पहले उनकी लगातार मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। हालाकि चार शावक जन्म ले चुके हैं।
ये जारी किया वन महकमे ने बयान
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता "दक्षा" को दिनांक 09.05.2023 को प्रातः 10.45 बजे मॉनिटरिंग दल द्वारा घायल अवस्था में पाया गया। पशु चिकित्सकों द्वारा उपचार किया गया किन्तु दोपहर 12.00 बजे दक्षा चीता की दुखद मृत्यु हो गई। दक्षा चीता बाड़ा क्रमांक 1 में छोड़ी गई थी तथा समीप के बाड़े क्रमांक 7 में दक्षिण अफ्रीका से लाये गये चीता कोयलिशन वायु तथा अग्नि को छोड़ा गया था।
दिनांक 30.04.2023 को कूनो में हुई बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के महानिरीक्षक डॉ. अमित मल्लिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान के डॉ. कमर कुरैशी, दक्षिण अफ्रीका से आये प्रो. एड्रियन टोर्डिफ तथा दक्षिण अफ्रीका से आये चीता मेटा पापुलेशन इनिशियटिव के मिस्टर विन्सेंट वेन डर मार्व उपस्थित रहे। इस बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार बाड़ा क्रमांक 7 में मौजूद दक्षिण अफ्रीका से आये चीता मेल कोयलिशन अग्नि तथा वायु को मादा चीता दक्षा के साथ मिलाने का निर्णय लिया गया जिसके फलस्वरूप बाड़ा क्रमांक 7 एवं 1 के बीच का गेट दिनांक 01.05.2023 को खोला गया। चीता मेल कोयलिशन दिनांक 06.05.2023 को बाड़ा क्रमांक 7 से बाड़ा क्रमांक 1 में दाखिल हुआ।
मादा चीता दक्षा पर पाये गये घाव प्रथम दृष्टया मेल से हिंसक इन्टरेक्शन संभवतः मेटिंग के दौरान किया गया प्रतीत होता है। नर कोयलिशन चीता द्वारा मेटिंग के दौरान मादा चीतों के साथ हिंसक व्यवहार सामान्य है। ऐसी स्थिति में निगरानी टीम द्वारा हस्तक्षेप की संभावना लगभग न के बराबर होती है। मृत मादा चीता का नियमानुसार शव परीक्षण पशु चिकित्सक दल द्वारा किया जा रहा है।

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