SHIVPURI राज्य सूचना आयोग के आदेश उपरांत भी आवेदन पर जवाब ना देने पर आयोग को आवश्यक कार्यवाही करने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता अश्फ़ाक ख़ान के अधिवक्ता अंचित जैन ने बताया की याचिकाकर्ता द्वारा जनपद पंचायत कांकर, ज़िला शिवपुरी, से कार्यालय की रोकड़-बही की प्रतियाँ प्राप्त करने हेतु सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर जब कोई जवाब प्राप्त नहीं हुया। जिसके बाद याचिकाकर्ता के अपील आवेदनों पर प्रथम अपीलिय अधिकारी, एवं राज्य सूचना आयोग द्वारा अपने पृथक आदेशों में लोक सूचना अधिकारी को सूचना देने, एवं शास्ति के संबंध में कारण बताओ की कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया था, पर जब लोक सूचना अधिकारी द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया, तब याचिकाकर्ता द्वारा आयोग के समक्ष एक अन्य आवेदन प्रस्तुत किया गया। कोई भी कार्यवाही ना होने से ग्रसित होकर याचिकाकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय, खंडपीठ ग्वालियर के समक्ष याचिका दाखिल की गई।
याचिकाकर्ता द्वारा अभिवचन किया गया कि बतौर युवा ज़िम्मेदार पत्रकार होने के नाते वह किसी भी खबर का प्रकाशन करने से पूर्व उचित अनुसंधान करने की नैतिक ज़िम्मेदारी को पूर्ण करने का हरसंभव प्रयास करता है, जिसमें सूचना का अधिकार का आवेदन एक उचित स्रोत है, जिससे स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर ना सिर्फ़ सही खबर का प्रकाशन किया जा सकता है, बल्कि अनावश्यक किसी भी व्यक्ति के चरित्र पर जो दाग ग़लत खबर से लग जाते है, उनसे भी बचा जा सकता है।
याचिकाकर्ता की ओर से तर्क रखा गया कि चूँकि अधिनियम एक मौलिक अधिकार की श्रेणी का होकर, समय सीमा की बाध्यता में रह कर जवाब प्राप्त करने का अधिकार देता है, इसीलिए याचिका में शीघ्र न्यायोचित कार्यवाही कि जाना आवश्यकता हैं।
उच्च न्यायालय द्वारा मामले में संज्ञान लेकर तुरंत मौक़े पर ही आयोग को पक्षकार बनाया गया, एवं आयोग के अधिवक्ता को मौके पर तुरंत ही बुलाया गया, एवं आदेशित किया गया कि आयोग विगत 15 दिवसों के अंदर मामले में उचित कदम लेना सुनिश्चित करें।

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