पार्क प्रबंधन ने बताया कि, सर्चिग टीम को मंगलवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे चीता पवन का शव नाले के पास मिला है। बारिश की वजह से नाला ओवर फ्लो बह रहा है। ये एकमात्र चीता था, जिसे वन विभाग ने बाड़े से बाहर जंगल में छोड़ा था। चीते पवन की मौत की वजह का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही लग सकेगा। पोस्टमॉर्टम कूनो नेशनल पार्क के तीन वेटनरी डॉक्टरों की टीम करेगी। इसके बाद जांच के लिए सैंपल को जबलपुर लैब भेजा जाएगा। कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाया गया ये नर चीता पवन सबसे ज्यादा बाड़े से बाहर रहने वाला चीता था। इसे कई बार ट्रेंकुलाइज करके शिवपुरी और राजस्थान की सीमा से लाया जा चुका है। कूनो में यही खुले जंगल में था, बाकी के सभी 23 शावक और चीते बाड़ों में रह रहे थे। 'पवन' नाम उसके स्वभाव को देखकर रखा गया था। वह वाकई में पवन की रफ्तार से कहीं भी पहुंच जाता था। कई बार शिवपुरी, बैराड़ तो कई बार राजस्थान की सीमा के अंदर पहुंच गया था। जिसे ट्रैंकुलाइज करके कई बार कूनो वापस लाया गया था। यहां-वहां घूमने की आदत की वजह से पवन सबसे ज्यादा चर्चित चीता था।
पूर्व विधायक बोले- चीते अच्छे तैराक, डूबने से मौत सुनकर आश्चर्य हुआ
चीता पवन की मौत पर दिग्विजय सिंह के भाई व पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने X पर लिखा, 'चीता पानी में डूबकर मर गया, सुनकर आश्चर्य हुआ, क्योंकि चीते अच्छे तैराक होते हैं। आशा करते हैं कि इस घटना को केंद्र - प्रदेश शासन गंभीरता से लेंगे।'

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