शिवपुरी। शिवपुरी जिले में सिंधिया रियासत में कई पुलों का निर्माण किया गया था जो आज भी मौजूद हैं। इनमें से दो बड़े पुल शिवपुरी से नरवर, मगरौनी मार्ग पर स्थित है। एक पटी घाटी के नीचे जिसे मुगल पुल के नाम से जाना जाता है। बुधवार को इसके ऊपर से सिंध का पानी निकला और वो भी विहंगम रौद्र रूप में लेकिन आज जब पानी मड़ीखेड़ा डेम से कम छोड़ा गया तो मुगल पुल को नुकसान न होने की खबर सामने आई और उस पर ट्रैफिक सुचारू रहा। लेकिन दूसरा पुल जो नरवर से मगरौनी के बीच स्थित है वह बीती साल सिंध के पानी में कुछ डेमेज हुआ था जिसकी सड़क लाखों का ठेका देकर बनवाई गई थी जो कल सिंध के उफान को नहीं झेल पाई और फिर से डेमेज हो गई है जिससे नरवर - मगरौनी का रास्ता बंद हो गया है। जिसे लेकर लोगों का कहना है कि ठेकेदार पर बड़ा जुर्माना ठोका जाना चाहिए। क्योंकि सालों पुराना पुल आज भी टिका हुआ है उस पर से कई सालों में कई फुट पानी निकल चुका है पर उसका कुछ नहीं हुआ मगर 2021 में आई बाढ़ में बाउंड्री का कुछ हिस्सा बह गया था और आसपास थोड़ा उखड़ गया था जिसको शासन के भ्रष्ट ठेकेदारों में बनाया था जो पुल के ऊपर कल थोड़ा पानी क्या आया टूट गया और रास्ता बह गया है। देखते है अब शासन उस ठेकेदार से क्या वसूली करता है।
हरसी डेम पर मिट्टी का बांध आज भी महफूज
लोगों की मानें तो सिंधिया स्टेट में बनाया गया एशिया का पहला विशाल कच्ची मिट्टी का हरसी बांध आज भी वैसे ही खड़ा है जैसे कई साल पहले खड़ा था। उसकी मजबूती की बात करें तो 2021 में आई बाढ़ में उसका बेस्ट वेयर का कुछ नहीं बिगड़ा वह जैसा का तैसा खड़ा है थोड़ा बहुत क्षतिग्रस्त हुआ था क्योंकि पानी अधिक आया तो उसके अंदर से मिट्टी निकल गई थी उसके बाद भी एक पैसा आज भी नहीं लगा उसका एक खंडा भी नहीं उखड़ा। जहां पानी का प्रेशर गिरता है 10 फुट की ऊंचाई से वह आज भी सुरक्षित है। जबकि इधर आज के टाइम में बने पुल थोड़ा सा पानी भी नहीं झेल पाते और बह जाते हैं तो पहले की टेक्नोलॉजी आज की टेक्नोलॉजी में जमीन आसमान का अंतर है। खैर अब पूर्ण रूप से नरवर मगरौनी का रास्ता बंद हो गया है।

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