क्षमावाणी का यह महापर्व है आत्मशुद्धि, आत्म-अनुशासन, आत्म-चेतना का .. किंतु चित्तशुद्धि एवं स्व-विकास का मार्ग आपकी क्षमा से होकर गुजरता है। यदि आप सुधार का अवसर न देंगे तो नवचेतना का प्रस्फुटन असंभव ही है। अतः जाने-अनजाने इस अकिंचन से आपके हृदय को जो भी पीड़ा पहुंची हो, उसके लिए क्षमायाचक हूं।
उत्तम क्षमा। 🙏🏻
इसके पूर्व कल उन्होंने अपने लाडले सुपुत्र अक्षय को भी दुआयें देते हुए कहा कि 'पुत्र ही नहीं, मित्र भी।
मेरे जीवन के हर कदम पर अपने मनोबल, विवेकपूर्ण परामर्श और सतत सहयोग से मेरा हौसला बुलंद रखने वाले चिरंजीवी पुत्र अक्षय के जन्मदिन पर अशेष स्नेह, अपरिमित आशीष।

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