शिवपुरी। जब हम छोटे थे तब सोचते थे कि बड़े लोग हमारी बातों को क्यों नहीं सुनते। जब हम बड़े हुए तो हम बच्चों की समस्याओं को भूल जाते है। कोई भी व्यक्ति सिर्फ उम्र से बड़ा नहीं होता। बड़ा वो होता है जो छोटों की पीड़ा को पहचानता है। हम खुद को बड़ा मानते है तो हमें छोटे बच्चों की परेशानियों को और उन्हें मिटाना होगा। यह बातें बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने ग्रामीणजनों से कहीं।वे बीते रोज कैलास सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउंडेशन के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के शुभारंभ अवसर पर जिले के सभी विकासखंडों में कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिसमे ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों से परिचित कराते हुए बाल विवाह मुक्त समाज निर्माण के लिये प्रेरित किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने शपथ ली कि वे 18 से पहले लड़की का और 21 से पहले लड़कों का विवाह न करेंगे और न अपने आसपास होने देंगे।
20 गांव में लिया बाल विवाह मुक्ति का संकल्प
सत्यार्थी फाउंडेशन के कॉर्डिनेटर गिर्राज धाकड़ ने बताया कि पोहरी विकासखंड के डिगड़ोली , भरतपुर बघेड़ , टुकी , जखनौद आदिवासी बस्ती, अमाही , मढ़खेड़ा , ककरा , भोजपुर, मचा खुर्द , बीलबारा खुर्द ,खैरा बैधारी, परासरी , डावरपुरा, अकुर्षी भोराना , गणेशखेड़ा, खैरारा, किशनपुरा , राजगढ़ खैररा , खरई डावर गांव में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, जन प्रतिनिधि,बच्चों एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लेकर बाल विवाह के खिलाफ एकजुटता का संकल्प लिया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें